पीलीभीत: 12 हजार किसानों का चीनी मिलों पर 259.88 करोड़ बकाया, भुगतान में देरी से फीकी रहेगी होली

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Published By Vikas Babu
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वैभव शुक्ला, पीलीभीत। होली से पहले गन्ना भुगतान की आस में जिले के 12 हजार से अधिक किसान टकटकी लगाए बैठे हैं। दो मिलों का पेराई सत्र समाप्त हो चुका है, लेकिन गन्ना मूल्य भुगतान में देरी हो रही है। अगर भुगतान नहीं मिला तो किसानों की होली फीकी रहेगी। यह स्थिति तब है जब प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार पीलीभीत जिले के ही रहने वाले हैं। मिलें किसानों का 259.88 करोड़ रुपये दबाए बैठी हैं। लेकिन अदायगी में रुचि नहीं ली जा रही है। होली के महज तीन दिन दिन बाकी हैं। किसान भुगतान को भटक रहे हैं।

जनपद में चार चीनी मिलें संचालित हो रही हैं, जिनमें एलएच चीनी मिल पीलीभीत, बजाज हिंदुस्थान, दि किसान सहकारी चीनी मिल पूरनपुर और बीसलपुर की सहकारी चीनी मिल शामिल हैं। इन मिलों ने अभी तक 232.83 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है, जिसमें से 22.25 लाख क्विंटल चीनी बनाई गई है। एलएच चीनी मिल का पेराई सत्र 11 नवंबर 2024, बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल का 12 नवंबर, दि किसान सहकारी चीनी मिल पूरनपुर का 05 दिसंबर और बीसलपुर की सहकारी चीनी मिल का पेराई सत्र 03 दिसंबर को शुरू हुआ था। 

गन्ने के अभाव में बरखेड़ा चीनी मिल 22 फरवरी जबकि पूरनपुर किसान सहकारी चीनी मिल 28 फरवरी को बंद कर दी गई। वर्तमान में एलएच और बीसलपुर चीनी मिल पेराई कर रही हैं। लेकिन किसानों को गन्ने के भुगतान में देरी की जा रही है। पिछले साल भी गन्ना किसानों को उनका भुगतान समय पर नहीं मिला था। इस साल भी स्थिति ज्यादा खराब है।

एलएच चीनी मिल ने 99.46 प्रतिशत भुगतान कर दिया है, लेकिन अन्य मिलों की स्थिति अच्छी नहीं है। बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल ने महज 13.67 प्रतिशत भुगतान किया है, जबकि बीसलपुर चीनी मिल ने 75.22 प्रतिशत और पूरनपुर चीनी मिल ने 64.05 प्रतिशत भुगतान किया है। हजारों किसान अपने गन्ना भुगतान के लिए परेशान हैं, उन्हें होली से पहले रुपये मिलने की उम्मीद कम है।

जमा रकम गेहूं में लगा दी, फसल भी अभी कट नहीं पाई
होली का पर्व जल्दी आने से खेतों में गेहूं खड़ा है, लेकिन कटाई नहीं हो पाई है। इससे किसानों के सामने आर्थिक तंगी की समस्या बढ़ गई है। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार गन्ने का भुगतान जल्द हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा, जमा रकम गेहूं की फसल की बुवाई में लगा दी गई, जिससे फसल के रखरखाव, खाद-सिंचाई में अधिक खर्च हो गया। बीते साल जुलाई में आई बाढ़ ने भी फसल को नुकसान पहुंचाया था, जिससे किसान उभर नहीं सके थे। अब गन्ना भुगतान ना होने से आर्थिक संकट और बढ़ गया है।

बजाज मिल पर सर्वाधिक 143.29 करोड़ की बकाएदारी
बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल बरखेड़ा पर सर्वाधिक 143.29 करोड़ की बकाएदारी है। मिल ने 165.81 करोड़ रुपये का गन्ना पेरा, लेकिन सिर्फ 22.52 करोड़ का ही भुगतान किया है। किसान सहकारी चीनी मिल पूरनपुर ने 59.57 करोड़ के गन्ने के पेराई की, जिसमें से 36.20 करोड़ का भुगतान दिया है, अभी भी 23.37 करोड़ रुपये बाकी हैं। बीसलपुर चीनी मिल 75.96 करोड़ का गन्ना पेरने के बाद 49.35 करोड़ का भुगतान कर चुकी है और 26.61 करोड़ रुपये का भुगतान अभी नहीं किया जा सका है। 

इस बार सहकारी समितियों को पूर्व में भी बजट मुहैया करा दिया था, जिससे बीसलपुर और पूरनपुर चीनी मिल के भुगतान की तस्वीर बीते सालों की अपेक्षा इस बार कुछ बेहतर है। वहीं, भुगतान के मामले में एलएच चीनी मिल इस बार भी अव्वल है। 550.79 करोड़ का गन्ना पेरने के साथ ही अब तक 484.18 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। अभी 66.61 करोड़ का भुगतान बाकी है, जिसे लगातार कराया जा रहा है।

चीनी मिलवार भुगतान की स्थिति-
एलएच चीनी मिल
- कुल भुगतान: 550.79 करोड़ रुपये
- अदा भुगतान: 484.18 करोड़ रुपये
- बकाया: 66.61 करोड़ रुपये

बरखेड़ा चीनी मिल
- कुल भुगतान: 165.81 करोड़ रुपये
- अदा भुगतान: 22.52 करोड़ रुपये
- बकाया: 143.29 करोड़ रुपये

बीसलपुर चीनी मिल
- कुल भुगतान: 75.96 करोड़ रुपये।
- अदा भुगतान: 49.35 करोड़ रुपये।
- बकाया: 26.61 करोड़ रुपये।

पूरनपुर चीनी मिल
- कुल भुगतान: 59.57 करोड़ रुपये।
- अदा भुगतान: 36.20 करोड़ रुपये।
- बकाया: 23.27 करोड़ रुपये।

चीनी मिलों के आंकड़े
गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन।
- गन्ना पेराई: 232.83 लाख क्विंटल।
- चीनी उत्पादन: 22.25 लाख क्विंटल।

भुगतान और बकाएदारी
- कुल भुगतान: 592.25 करोड़ रुपये।
- बकाएदारी: 259.88 करोड़ रुपये।
- सर्वाधिक भुगतान: एलएच मिल (484.18 करोड़ रुपये)
- सर्वाधिक बकाएदारी: बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल बरखेड़ा (143.29 करोड़ रुपये)

चीनी मिल को कुल 12 पर्ची पर कुल 816 क्विंटल गन्ने की सप्लाई की थी। सप्लाई किए गए गन्ने का तीन लाख दो हजार नब्बे रुपये का भुगतान बना था। मिल का पेराई सत्र समाप्त हो चुका है। मगर अभी तक एक भी पर्ची का भुगतान नहीं हो सका है- खेमकरन, ग्राम बरगदा।

चीनी मिल को 10 पर्ची पर 306 क्विंटल गन्ने की सप्लाई की गई। सप्लाई किए गए गन्ने का एक लाख तेरह हजार चार सौ तिरानवे रुपये भुगतान बना। मगर लंबे समय बाद भी अभी तक एक भी पर्ची का भुगतान नहीं मिल सका है। त्योहार नजदीक है- रघुनंदन प्रसाद, ग्राम ज्योराह कल्यानपुर।

किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से आर्थिक संकट बना हुआ है। होली का पर्व नजदीक आ चुका है। ऐसा ही रहा तो गन्ना किसानों की होली फीकी रहेगी। चीनी मिलों को तत्काल गन्ना भुगतान करना चाहिए- मंजीत सिंह, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक।

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