Holi 2025 : कचनार के गुलाल से होली खेलेंगे रामलला और बाबा विश्वनाथ, CSIR-NBRI ने फूलों से तैयार किया हर्बल गुलाल
अमृत विचार। अयोध्या के मंदिर में विराजे रामलला और काशी के बाबा विश्वनाथ इस बार कचनार के फूलों से बने गुलाल से होली खेलेंगे। ये हर्बल गुलाल तैयार कर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान ने काशी और अयोध्या भेज दिया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रामराज्य में कचनार को अयोध्या का राजकीय वृक्ष माना जाता था। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की सुस्थापित औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
कचनार के फूलों में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल आदि गुण होते हैं। सीएसआईआर-एनबीआरआई में तैयार हर्बल गुलाल की विषाक्तता एवं मानकों के लिए परीक्षण किया जा चुका है। यह मानव त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है। लेड, क्रोमियम और निकल जैसे केमिकल न होने के कारण हर्बल गुलाल चमकीला नहीं होता है।
फूलों से निकाले गए रंगों को प्राकृतिक घटकों के साथ मिला कर पाउडर बनाया जाता है। इस गुलाल को त्वचा से आसानी से पोंछ कर हटाया जा सकता है। संस्थान के निदेशक डॉ. अजित कुमार शासनी ने बताया कि संस्थान पहले से भी गेंदा, गुलाब, गुडहल, चमेली और अन्य फूलों से हर्बल गुलाल बता चुका हैं। होली पर संस्थान में विकसित हर्बल गुलाल बाजार में काफी लोकप्रिय रहता है।
राजधानी में भी खरीदें श्रीगणेश ब्रांड हर्बल गुलाल उपलब्ध
CSIR-NBRI ने बाजार में उतारने के लिए हर्बल गुलाल की तकनीक कई कंपनियों और स्टार्ट-अप्स को हस्तांतरित की है।छत्तीसगढ़ स्थित कंपनियों में एक ने एनबीआरआई के विकसित हर्बल गुलाल को श्री गणेश ब्रांड नाम से बाज़ार में उतारा है। इस ब्रांड का हर्बल गुलाल राजधानी लखनऊ में प्रमुख डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर ख़रीदा जा सकता है। हर्बल गुलाल ईकॉमर्स साईट अमेज़न पर भी उपलब्ध है।
जहरीले होते हैं रासायनिक अबीर-गुलाल
बाजार में उपलब्ध रासायनिक गुलाल के बारे में बात करते हुए डॉ. शासनी ने कहा कि ये वास्तव में जहरीले होते हैं। इनमें खतरनाक रसायन होते हैं जो त्वचा और आंखों में एलर्जी, जलन और गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। हर्बल गुलाल की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यह अन्य गुलाल की तरह हाथों में जल्दी रंग नहीं छोड़ेगा। संस्थान द्वारा विकसित हर्बल गुलाल होली के मौसम में बाजार में बिक रहे खतरनाक रासायनिक रंगों का एक सुरक्षित विकल्प है।
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