रोजा इफ्तारः पहले पढ़ी गई नमाज, फिर हुई भोलेनाथ की आरती, ‘शिव वाटिका’ में पेश की गंगा-जमुनी तहजीब

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचारः राजधानी लखनऊ की एक कॉलोनी में भारत की ‘गंगा-जमुनी’ तहजीब की मिसाल देखने को मिली। कॉलोनी वासियों द्वारा बनवाई गई ‘शिव वाटिका’ में रोजा इफ्तार हुआ, जमात के साथ नमाज हुई और उसके बाद उसी परिसर में भगवान भोलेनाथ की आरती का कार्यक्रम संपन्न हुआ। लखनऊ के गुडंबा क्षेत्र में स्थित अवधपुरम कॉलोनी में रविवार शाम बाबा अवधेश्वर नाथ मंदिर के सामने के प्रांगण ‘शिव वाटिका’ में रोजा इफ्तार का भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान रोजेदारों के लिए नमाज पढ़ने का भी इंतजाम किया गया। जमात के साथ नमाज संपन्न होने के बाद रोज शाम को होने वाली बाबा भोलेनाथ की आरती का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ, जिसमें मुस्लिम समाज के लोगों ने भी हाजिरी दी। 

रोजा इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन करने वाली संस्था ‘अवधपुरम वेलफेयर सोसाइटी’ के अध्यक्ष राजेश तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘सोसाइटी ने कॉलोनी में बने ‘शिव वाटिका’ पार्क में रविवार शाम रोजा इफ्तार का आयोजन किया। इसमें कॉलोनी के अनेक हिंदू-मुस्लिम भाइयों ने हिस्सा लेकर आपसी भाईचारे का शानदार नमूना पेश किया।’’ उन्होंने बताया कि इसी प्रांगण में मगरिब की नमाज पढ़ने का इंतजाम भी किया गया था और इफ्तार के बाद मुस्लिम भाइयों ने जमात के साथ नमाज भी अदा की। 

राजेश तिवारी ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सनातन धर्म के मूल मंत्रों में शामिल है और हर धर्म की आस्था को सम्मान देना हमेशा से भारतीय संस्कृति की पहचान रही है। उन्होंने बताया कि अवधपुरम कॉलोनी अवध की संस्कृति को आत्मसात करती है। यहां स्थित शिव मंदिर और उसके सामने बने पार्क ‘शिव वाटिका’ का निर्माण कॉलोनी के निवासियों ने अपने संसाधनों से कराया है। साथ ही कहा, ‘‘मंदिर के निर्माण में कॉलोनी के मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अहम योगदान दिया है और वे इसके निर्माण में आने वाली हर मुश्किल का सामना करने में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। शिव वाटिका नाम भी यहां के एक मुस्लिम भाई ने ही दिया है। कॉलोनी के मुस्लिम भाई यहां होने वाले बड़ा मंगल के भंडारे, दशहरा और माता रानी का जागरण जैसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह भाईचारा ही सदियों से हमारे देश की खूबसूरती रहा है।’’ 

सोसाइटी के सचिव आरिफ अली सिद्दीकी ने कहा कि भगवान शिव के मंदिर के सानिध्य में रोजा इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन और उसमें कॉलोनी तथा आसपास के निवासियों का बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना यह दिखाता है कि ‘‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।’’ उन्होंने कहा कि आज के दौर में शिव वाटिका में रोजा इफ्तार का आयोजन कई लोगों को हैरत में डाल सकता है लेकिन हम सभी को यह याद रखना होगा कि अवधपुरम अवध की गंगा-जमुनी तहजीब को जीता रहा है और आगे भी जीता रहेगा। सिद्दीकी ने कहा कि शिव वाटिका में रोजा इफ्तार और नमाज के बाद मंदिर में पंडित उमेश मिश्रा की अगुवाई में रोज की तरह आरती का आयोजन किया गया जिसमें मुस्लिम समाज के सदस्यों ने भी हाजिरी दी। उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरा घटनाक्रम इस बात का सुकून देता है कि हमारे खून में पैवस्त भाईचारा अब भी उसी रवानी के साथ जिंदा है।’’ सोसाइटी के कार्यकारिणी सदस्य शिवकुमार सिंह ने कहा, ‘‘धरती पर आए सभी नर नारी एक ही परमपिता परमेश्वर की संतान हैं। भले ही उनकी पूजा पद्धति अलग-अलग हो। मानवता की जीत इसी में है कि हम सभी एक-दूसरे की धार्मिक आस्थाओं का आदर करें।’’

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