Bareilly: बढ़ती गर्मी प्रभावित करेगी गेहूं और सरसों की पैदावार! किसान करें ये काम...

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Published By Pradeep Kumar
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मार्च में 25 डिग्री होना चाहिए था तापमान, पहुंच गया 30 डिग्री के पार

बरेली, अमृत विचार। इस बार मार्च में ही प्रचंड होती गर्मी से गेहूं, सरसों और चने की फसलों को नुकसान की आशंका जताई जाने लगी है। कृषि विभाग ने अनुमान जताया है कि तीनों फसलों की पैदावार इस बार कम रह सकती है।

कृषि विशेषज्ञ कुलदीप विश्नोई के मुताबिक फरवरी में गेहूं और सरसों की अच्छी पैदावार के लिए तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास होना चाहिए था जो 25 से 28 डिग्री तक पहुंच गया। मार्च शुरू होने के साथ गर्मी और बढ़ गई है। अब गेहूं की फसल लगभग पक चुकी है। इसके लिए अनुकूल तापमान 23 से 25 डिग्री होना चाहिए लेकिन दिन का तापमान 30 डिग्री से अधिक पहुंच गया है। गेहूं की अच्छी बढ़वार और दाना बनने के लिए खेत में नमी भी आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि यही हाल सरसों की फसल का है। सिंचाई से हवा में गेहूं गिरने की आशंका है। तेज धूप से गेहूं का दाना पतला रह जाएगा। सरसों की फसल भी तेज धूप के कारण समय से पहले पकने लगी है। इससे सरसों के फूल पर फर्क पड़ेगा। किसानों को फसलों में हल्की नमी बनाए रखनी चाहिए। इससे काफी हद तक गर्मी से पैदावार पर पड़ने वाला प्रभाव कम किया जा सकेगा।

गेहूं उत्पादन में 25 फीसदी कमी की आशंका
जिले में इस बार सवा लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई है। अपर जिला कृषि अधिकारी ऋषिपाल गंगवार बताते हैं कि तापमान में वृद्धि के कारण गेहूं उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। तापमान में वृद्धि से बाली लगे गेहूं फसलों को नुकसान हो सकता है। इस साल समय से पहले तेज हवा के साथ ही वातावरण में बढ़ रही गर्मी से पौधे दाने पुष्ट नहीं हो पाएंगे और पैदावार में गिरावट आएगी।

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