Bareilly: सहकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले किसान परेशान...23 हजार हैं 55.83 करोड़ के बकायादार
बरेली, अमृत विचार। सहकारी बैंकों से फसली ऋण लेने वाले लघु और सीमांत किसानों की माली हालत ठीक नहीं है और वह समय से ऋण अदा नहीं कर पा रहे हैं। वर्तमान में जिले में करीब 23 हजार से ज्यादा किसानों पर 55 करोड़ से अधिक का बकाया है। इनमें ऐसे भी किसान हैं, जिन्होंने दो दशक पहले कर्ज लिया था, मगर चुकता नहीं कर सके हैं। सहकारिता विभाग की ओर से किसानों को प्रोत्साहित कर कर्ज अदायगी के प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला सहकारी बैंक साधन सहकारी समितियों के माध्यम से लघु और सीमांत किसानों को शासन से तय अलग-अलग फसलों के हिसाब से निर्धारित ऋण वितरित करता है। फसल तैयार होने पर तय समय सीमा 30 जून तक बैंकों में ऋण जमा करने पर किसानों को सब्सिडी का भी लाभ मिलता है, लेकिन स्थिति यह है कि अधिक संख्या में किसान निर्धारित समय में ऋण की अदायगी ही नहीं कर पा रहे हैं।
सहकारिता विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 जुलाई 2021 को जिले में 29,554 किसान 76 करोड़ 46 लाख 36 हजार रुपये के कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे। 30 जून 2022 तक विभाग की ओर से किसानों से वसूली कराई गई। इसके बाद 1 जुलाई 2022 काे 27123 किसानों पर 72 करोड़ 70 लाख 47 हजार रुपये की बकाया पहुंच गया।
इसके बाद 1 जुलाई 2023 को किसानों की संख्या घटकर 25041 पहुंची, जिन पर सहकारी बैंकों का 65 करोड़ 82 लाख 97 हजार रुपये का बकाया था। इसके बाद 1 जुलाई 2024 को 25407 किसानों पर 66 करोड़ 83 लाख 29 हजार रुपये का बकाया था। जुलाई 2024 से अब तक करीब 25 सौ किसानों से 11 करोड़ रुपये की वसूली कर ली गई है। वर्तमान में 22907 किसानों पर 55 करोड़ 83 लाख रुपये का बकाया है। बकायादाराें की सूची में वे किसान भी शामिल हैं, जिन्होंने दो दशक पहले यानी सन् 1997-1998 में भी बैंक से कर्ज लिया था, मगर आर्थिक तंगी की वजह से फसली ऋण की अदायगी आज तक नहीं कर सके और ब्याज पर ब्याज लगता चला गया।
वर्ष 2015-16 में कर्ज लेने वाले किसानों की संख्या ज्यादा
अफसरों के अनुसार सहकारी बैंकों के बकायादारों की सूची में उन किसानों की संख्या ज्यादा है, जिन्होंने वर्ष 2015-16 में कर्ज लिया था। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनते ही किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ किया गया लेकिन इसके ऊपर का कर्ज नहीं माफ हो सका। जिन किसानों ने कई बैंकों से कर्ज ले रखा था, उनका भी एक जगह का ही माफ हुआ।
एआर कोऑपरेटिव के ब्रजेश सिंह परिहार ने बताया कि जिला सहकारी बैंक किसानों को न्यूनतम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराता है। निर्धारित समय पर फसली ऋण जमा करने पर किसानों को सब्सिडी का लाभ भी मिलता है। किसानों से अपील है कि पुराना बकाया अदा कर फिर से ऋण ले सकते हैं।
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