प्रतापगढ़: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की जेल, 35 हजार अर्थदंड

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Published By Vishal Singh
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प्रतापगढ़, अमृत विचार। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट पारूल वर्मा ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने और जान से मारने के आरोप में राम लखन उर्फ सुग्गू थाना लालगंज को दोषी पाने पर 20 साल की कारावास और 35 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि पीड़िता को उसके चिकित्सकीय एवं मानसिक आघात की पूर्ति व पुनर्वास हेतु प्रदान की जाएगी। राज्य की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक प्रदीप कुमार पांडेय ने की। 

वादिनी मुकदमा के अनुसार उसकी 14 वर्षीय पीड़िता पुत्री कक्षा सात की छात्रा थी। उसकी पुत्री के साथ घटना 19 अप्रैल 2016 के दो माह पूर्व राम लखन ने उसके घर में आकर उसकी अनुपस्थिति में जबरन शारीरिक संबंध बनाते समय उसकी पुत्री को धमकी दी कि अगर किसी से बताया तो पूरे परिवार को जान से मार दूंगा। लगभग 15 दिनों पहले उपरोक्त राम लखन ने उसकी लड़की को कोई दवा लाकर दी, जिसे खाने से उसकी लड़की की तबीयत खराब हुई, तो उसने पूछने पर घटना बताई। राज्य की ओर से सात गवाहों के माध्यम से 10 प्रदर्शनों को साबित कराया गया। पीड़िता ने न्यायालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज कराया।

गैंगस्टर एक्ट के दोषी को पांच साल का सश्रम कारावास, 10 हजार रुपये अर्थदंड
अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी एवं विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर) अजय कुमार ने गैंगस्टर एक्ट के दोषी थाना हथिगवां के कटरा बहरिया निवासी धर्मेंद्र सरोज को 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। कोर्ट ने अर्थदंड की राशि अदा करने पर दोषी को एक माह की अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया। राज्य की ओर से पैरवी एडीजीसी इंद्रकांत पांडेय ने की। 

वादी मुकदमा थाना हथिगवां एसओ निशिकांत राय के अनुसार 11 मार्च 2014 को वह शाम साढ़े सात बजे देखभाल के लिए क्षेत्र के ग्राम भदशिव में मौजूद थे। ग्राम भद शिव में धर्मेंद्र सरोज, बनारसी सरोज और देवानंद सरोज एक संगठित गिरोह हैं। जिनका मुख्य पेशा पैसे लेकर भाड़े पर हत्या करके लूट कर अवैध संपत्ति अर्जित करना है। इनके भय व आतंक से क्षेत्र में जनता भयभीत रहती है। गैंग लीडर धर्मेंद्र सरोज और गैंग सदस्यों के विरुद्ध कोई भी व्यक्ति थाने में रिपोर्ट लिखने की हिम्मत नहीं करता है। गैंग लीडर धर्मेंद्र सरोज और गैंग सदस्य बनारसी सरोज व देवानंद सरोज कई धाराओं में अपराधी हैं। बनारसी सरोज की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई थी। देवानंद सरोज को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया।

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