पीलीभीत: 10 व्यापारी नेताओं को तीन माह की कैद, एक-एक लाख रुपये जुर्माना, जानें पूरा मामला

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार: निरीक्षण करने पहुंची एफएसडीए टीम से अभद्रता कर सैंपल छीनकर नष्ट करने और  सरकारी कार्य में बाधा डालकर कार्रवाई बाधित करने के मामले में फंसे दस व्यापारी नेताओं को तीन-तीन माह कैद और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित यादव ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया।

अभियोजन कथानक के अनुसार एक जुलाई 2023 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष बाबू यादव ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव की अदालत में परिवाद दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि 18 जनवरी 2023 को दोपहर करीब 12.30 बजे वह पुरानी गल्ला मंडी में केजीएन इंटरप्राइजेज पर नमूना संग्रह के लिए टीम के साथ पहुंचे थे।  प्रतिष्ठान स्वामी ने अपना नाम अयाजुद्दीन बताया। उसकी दुकान पर खाद्य लाइसेंस प्रदर्शित नहीं था। टीम के मांगने पर भी व्यापारी खाद्य लाइसेंस नहीं दिखा सका। 

दुकान से गगन पान मसाला के दो नमूने  टीम द्वारा लिए गए।  इसकी कीमत व्यापारी को टीम द्वारा अदा कर दी गई। इसके बाद टीम निरीक्षण के दौरान सैंपल के अभिलेख तैयार करने लगी। इसी बीच व्यापारी ने भीड़ इकट्ठा कर ली। व्यापार मंडल की भीड़ ने डरा धमकाकर बलपूर्वक टीम से खरीदे गए नमूने के पैकेट छीन लिए। व्यापारियों द्वारा सरकारी कार्य में व्यवधान डालकर खाद्य टीम को नमूना की कार्यवाही से वंचित किया गया। 

यह भी आरोप है कि डरा धमकाकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी के बैग में रखे अन्य सील बंद नमूने छीनकर क्षतिग्रस्त कर दिए। न्यायालय ने अपराध का संज्ञान लेते हुए समस्त दस आरोपियों को तलब किया। दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली का परिशीलन करने के उपरांत अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव ने दसों आरोपियों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 26/62 में दोषी पाते हुए सजा सुनाई। न्यायालय ने पारित निर्णय में लिखा कि दोषसिद्धगणों के द्वारा दो निहत्थे सरकारी कर्मचारियों को घेरकर बलपूर्वक नमूना छीनकर नष्ट कर दिया गया। जोकि दोषसिद्धगण के दुस्साहस को दर्शाता है। अत: दोषसिद्धगण को परिवीक्षा का लाभ न देकर तत्काल दंड से दंडित किए जाने से ही न्याय की मंशा पूर्ण होगी और समाज में विधि का शासन सुस्थापित होगा।

इन 10 आरोपियों को हुई सजा
शहर के मोहल्ला मलिक अहमद निवासी शैलेंद्र अग्रवाल उर्फ शैली पुत्र हरनारायन अग्रवाल, मोहल्ला पंजाबियान निवासी अयाजुद्दीन पुत्र फैय्याजुद्दीन, शाहिद पुत्र इसरार अहमद, ताबिश अयाज पुत्र अयाजुद्दीन, मोईन उल हक शम्सी पुत्र फरीद उल हक शम्सी, मोहल्ला साहूकारा निकट शनिदेव मंदिर के निवासी संजय गुप्ता पुत्र बुद्धसेन गुप्ता, मोहल्ला पकड़िया निवासी अलाउद्दीन अंसारी पुत्र निजामुद्दीन अंसारी, मोहल्ला साहूकारा निवासी अंशुल अग्रवाल पुत्र शिव कुमार, मोहल्ला देशनगर निवासी जगदीश पुत्र भगवानदास, मोहल्ला शेखचांद निवासी निमित अग्रवाल पुत्र नरेंद्र अग्रवाल को सजा सुनाई गई है। बताते हैं कि शैलेंद्र उर्फ शैली अग्रवाल उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महामंत्री हैं।

आयुक्त की संस्तुति के बाद किया था परिवाद दायर
बता दें कि इस घटना से संबंधित वीडियो की सीडी आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ (उत्तर प्रदेश ) को भी भेजा गया था। इसके उपरांत शासन द्वारा संस्तुति पत्र परिवाद के संबंध में भेजा गया था। तब परिवादी खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष बाबू यादव ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित यादव की अदालत में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26/62 के तहत परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

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