प्रतापगढ़: आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज उत्पीड़न के दोषी पति को सात साल की जेल, लगा इतने का जुर्माना

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Published By Vishal Singh
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प्रतापगढ़, अमृत विचार। अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी अजय कुमार ने आत्महत्या के लिए उकसाने व दहेज उत्पीड़न के लिए दोषी को सात साल की कारावास व 18 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। मुकदमे में शेष दो अभियुक्ता दुर्गावती व बिट्टन देवी को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया। राज्य की ओर से पैरवी एडीजीसी काशीनाथ तिवारी व अरुण कुमार सिंह ने की।

वादी मुकदमा बेचू लाल ने अपनी पुत्री राधा देवी की शादी 11 मई 2017 को राजेंद्र विश्वकर्मा, पुत्र अयोध्या प्रसाद, निवासी ग्राम ताला, थाना कंधई के साथ किया था। शादी में पर्याप्त दान दहेज दिया गया था। उनकी पुत्री को आठ माह की एक बेटी भी है। शादी के बाद से ही पति राजेंद्र व उसकी मां बिट्टन देवी, बहन दुर्गावती कम दहेज को लेकर बिटिया को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित और मारपीट करते थे। साथ ही समझौता भी हुआ कि अब नहीं मारेंगे।

दहेज कम होने के कारण शादी के छह माह बाद एक बाइक भी दी गई। बावजूद इसके प्रताड़ित करते रहे। एक अगस्त 2019 को भी मारा-पीटा। उसकी पुत्री को जान से मार डालने का प्रयास किया। 13 अगस्त 2019 को उसके पति राजेंद्र, सास बिट्टन देवी और ननद दुर्गावती ने मारपीट कर सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा कर मायके भेज दिया। इससे दुखी होकर वादी की पुत्री ने 14 अगस्त 2019 को शाम पांच बजे मायके में कमरा बंद कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

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