संभल हिंसा के दौरान कवरेज कर रहे पत्रकारों के न्यायिक आयोग ने दर्ज किये बयान

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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संभल, अमृत विचार। संभल हिंसा की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने हिंसा के तमाम प्रभावित पक्षों व पुलिस प्रशासन के बयान दर्ज करने के बाद अब हिंसा के समय कवरेज करने वाले पत्रकारों के बयान दर्ज करने का सिलसिला शुरू किया है। आयोग के नोटिस पर मंगलवार को 9 पत्रकारों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपने बयान दर्ज कराये। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने संभल हिंसा को लेकर कई सवाल पूछे।

संभल में जामा मस्जिद में सर्वे की कार्रवाई के दौरान 24 नवंबर 2024 को संभल में हुई हिंसा की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया था। न्यायिक आयोग का अध्यक्ष सेवानिवृत्त जज देवेंद्र अरोड़ा को बनाया गया तो सेवानिवृत्त आईपीएस एके जैन व पूर्व आईएएस अमित मोहन प्रसाद आयोग के सदस्य बनाये गये हैं। न्यायिक आयोग हिंसा की जांच के लिए चार बार संभल का दौरा कर हिंसा प्रभावित आम जनता के साथ ही पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के भी बयान दर्ज कर चुका है। इसके बाद आयोग ने 19 से ज्यादा ऐसे पत्रकारों को नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए कहा था जो हिंसा के दौरान कवरेज कर रहे थे।

आयोग ने पत्रकारों को लखनऊ तलब किया था लेकिन पत्रकारों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बयान दर्ज कराने का अनुरोध आयोग से किया था। इसके बाद ही आयोग ने 15 अप्रैल को सुबह 11 बजे का समय दिया था। मंगलवार को बहजोई स्थित एनआईसी कार्यालय पर बंद कमरे में न्यायिक आयोग ने एक- एक पत्रकार को बुलाकर उनसे हिंसा को लेकर सवाल पूछे। 

न्यायिक आयोग ने हिंसा के समय कैसे और क्या हुआ इसे लेकर कई सवाल पूछे। हालांकि पत्रकारों ने हिंसा के दिन की गई अपनी कवरेज का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ देखा था और जो हुआ था उसे अपने चैनल पर दिखाया था और अखबार में छापा था। वह अपनी उस कवरेज की पुष्टि करते हैं। दोपहर तक 9 पत्रकारों के बयान दर्ज हो सके थे। दिल्ली व नोएडा के कई पत्रकारों ने अगली सुनवाई पर बयान दर्ज कराने का अनुरोध आयोग के समक्ष किया है।

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