मोहन भागवत ने की पहलगाम हमले की निंदा कहा- धर्म पूछकर हिंदू हत्या नहीं कर सकते

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Published By Deepak Mishra
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मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह लड़ाई ''संप्रदायों या धर्मों के बीच नहीं, बल्कि धर्म और अधर्म के बीच है।''

भागवत ने पंडित दीनानाथ मंगेशकर की 83वीं पुण्यतिथि के अवसर पर मुंबई के विले पार्ले में एक पुरस्कार समारोह में कहा, ''हमारे सैनिक या अन्य लोग किसी का धर्म पूछकर उसे नहीं मारेंगे। हिंदू ऐसा कभी नहीं करेंगे।'' उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है।

भागवत ने कहा, ''किसी ने इसमें जाति, धर्म या संप्रदाय नहीं देखा। अगर ऐसा हमेशा होता रहा तो कोई भी हमारी तरफ टेढ़ी नजर से देखने की हिम्मत नहीं करेगा और अगर कोई ऐसा करेगा तो उसकी आंख फोड़ दी जाएगी।'' 

भागवत ने कहा, ''हम ऐसे लोग हैं जो हर किसी में अच्छाई देखते हैं और उसे स्वीकार करते हैं। आज हमारे पास सेना है। लेकिन एक समय था जब हमें सेना की जरूरत महसूस नहीं होती थी। हम शांत रहे क्योंकि युद्ध नहीं होगा और फिर वर्ष 1962 में हमें सबक मिला। तब से हम अपनी सेना की ताकत बढ़ा रहे हैं। बुराइयों का नाश होना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''आज देश में इसको लेकर गुस्सा है, लेकिन उम्मीदें भी बहुत हैं। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि ये उम्मीदें पूरी होंगी।'' 

भागवत ने मंगेशकर परिवार के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा, ''उन्होंने कला के माध्यम से देश की सेवा की और उनमें देशभक्ति की भावना भी प्रबल थी। सभी को ईमानदारी और निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करनी चाहिए। इसके लिए ऐसा नहीं है कि सभी संघ या राष्ट्रीय पार्टी से जुड़ जाएं। हमारे पास जो कुछ भी है उससे हमें देश की सेवा करनी चाहिए।''  

 

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