जाति जनगणना की घोषणा पहलगाम आतंकी हमले से लोगों का ध्यान भटकने की कोशिश: संजय सिंह ने भाजपा पर बोला तीखा हमला

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Published By Deepak Mishra
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बलिया। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने जातिवार जनगणना को पहलगाम आतंकवादी हमले की घटना से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपनाया गया हथकंडा करार देते हुए दावा किया कि बिहार विधानसभा चुनाव होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जातिवार जनगणना को भूल जाएगी। सिंह ने बुधवार रात जिले के पंडितपुरा गांव में संवाददाताओं से बातचीत में जातिवार जनगणना को लेकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। 

उन्होंने कहा, ‘‘ पूरा देश इंतजार कर रहा था कि आप (सरकार) पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) को वापस लेने के लिए किस तरह से हमला करेंगे । आतंकवादियों को नेस्तनाबूद करने के लिए क्या करेंगे। पहलगाम में 26 निहत्थे और निर्दोष पर्यटक मारे गए और हमारी धरती पर आकर आतंकवादियों ने हमें चुनौती देने का काम किया है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ आप क्या कार्रवाई करेंगे। ऐसे समय में सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए आप (सरकार) जातिवार जनगणना का विषय ले आए।"

 उन्होंने कहा, "हम जातिवार जनगणना के खिलाफ नहीं हैं। हम लोग शुरू से जातिवार जनगणना कराने की बात करते हैं, मगर आप (सरकार) ऐसे समय में जाति जनगणना लेकर आए हैं जिससे पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद की घटना से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके। जनता आपसे सवाल न पूछे।" संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने जातिवार जनगणना की घोषणा तो कर दी लेकिन यह नहीं बताया कि यह काम कितने समय में पूरा होगा। 

उन्होंने इसे बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की गई कोरी घोषणा बताते हुए कहा, " सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पारित किया लेकिन इस आरक्षण को लागू करने की दिशा में एक इंच भी कार्रवाई नहीं हुई। उसी तरह सरकार जातिवार जनगणना की घोषणा कर रही है। 
उसके लिए ना तो बजट का आवंटन किया गया है और ना ही यह बताया जा रहा है कि कितने समय में यह जनगणना पूरी की जाएगी।"संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, "सच्चाई यह है कि जब बिहार का विधानसभा चुनाव खत्म हो जाएगा तो सरकार जातिवार जनगणना को भी भूल जाएगी। यह सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है।" 

उन्होंने पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "पहलगाम में दो हजार से अधिक लोग मौजूद थे। आतंकवादी आए और हत्या कर चले गए। यह खुफिया तंत्र और सुरक्षा एजेंसियों की विफलता है। सबसे पहले यह मोदी सरकार की विफलता है। इस पर सरकार को कोई जवाब देना चाहिए। जवाबदेही होनी चाहिए। कार्रवाई करनी चाहिए, मगर कुछ किया नहीं। प्रधानमंत्री तो इस मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक छोड़कर बिहार में चुनाव प्रचार कर रहे थे।"  

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