बहराइच की पुरानी दरगाह पर इस बार नहीं लगेगा मेला, प्रशासन ने लिया फैसला

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Published By Virendra Pandey
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अमृत विचार, बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के शहरी क्षेत्र में स्थित सैय्यद सालार मसूद गाजी की करीब एक हजार वर्ष से अधिक पुरानी दरगाह पर हर वर्ष ज्येष्ठ माह में लगने वाला मेला इस बार प्रशासन ने स्थगित कर दिया है। यह निर्णय शांति व्यवस्था बनाए रखने, पहलगाम की घटनाओं और वक्फ बिल को लेकर संभावित प्रदर्शनों का सामना करने के लिए लिया गया है। 

माना जाता है कि यहां दरगाह पर बीते करीब पांच सौ वर्षों से भी अधिक समय से प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह में मेले का आयोजन होता आ रहा है। इस मेले में विभिन्न सम्प्रदायों के लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। इस बार यह मेला 15 मई से शुरू होना था, जिसमें मुख्य उत्सव 18 मई को आयोजित होने वाला था, लेकिन जिला प्रशासन ने इस बार मेले को स्थगित करने का फैसला किया है। 

गौरतलब है कि हाल ही में संभल जिले में प्रदेश सरकार द्वारा मसूद गाजी के नेजा मेले पर रोक लगाए जाने के बाद, बहराइच जिले की इस दरगाह पर भी मेले पर रोक की मांग उठी थी। लोगों का कहना है कि मसूद गाजी एक आक्रांता थे, जिन्होंने भारत पर आक्रमण कर वहां की समृद्धि को लूटा और कई मंदिरों को तोड़ा। माना जाता है कि करीब एक हजार वर्ष पूर्व जिले के चित्तौरा क्षेत्र में महराजा सुहेलदेव ने युद्ध के दौरान मसूद गाजी और उसकी सेना को परास्त किया था। 

इसके अतिरिक्त, बीते 20 मार्च को जिले के मोतीपुर इलाके में आयोजित तहसील के लोकार्पण समारोह में आए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आक्रांताओं की महिमा का बखान करने से बचने और इतिहास को तहकीकत से देखने की बात कही थी। प्रशासन का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए मेले को स्थगित करना आवश्यक है। लोगों की भावनाओं और सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है।

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