बदायूं: शादी से एक दिन पहले दिल का दौरा पड़ने से दुल्हन की मौत...विवाह वाले घर में छा गया मातम

नूरपुर पिनौनी, अमृत विचार। इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव नूरपुर पिनौनी के एक परिवार में युवती की डोली उठनी थी। रात में हार्टअटैक से युवती की मौत हो गई। शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। घर में शादी की तैयारियां धूमधाम से चल रही थीं। पकवान बने थे। सोमवार को मुरादाबाद से बारात आनी थी। अपनी शादी से एक दिन पहले हल्दी के कार्यक्रम में युवती ने अपने परिजनों के साथ डांस किया और रात को आराम करने चली गई। बाथरूम में अचानक युवती को हार्टअटैक आ गया और उसकी मौत हो गई। परिवार में चीत्कार मच गया। परिजनों ने पुलिस को सूचना दिए बिना अंतिम संस्कार कर दिया।
नूरपुर पिनौनी निवासी दिनेश पाल सिंह इलेक्ट्रानिक्स की दुकान चलाते हैं। उनकी बड़ी बेटी दीक्षा (22) बीए कर रही थी। दीक्षा की शादी मुरादाबाद के शिवपुरी निवासी फैक्ट्री में काम करने वाले सौरभ के साथ तय हुई थी। सोमवार को बारात आनी थी। परिवार में रविवार को हल्दी व मेंहदी का कार्यक्रम हुआ था। दीक्षा ने रात लगभग 12 बजे तक अपने परिजनों के साथ डांस किया। घर में रिश्तेदारों की भीड़ थी। एक तरफ डांस चल रहा था तो दूसरी ओर परिवार के बड़े लोग बारात की तैयारियों को लेकर चर्चा कर रहे थे। हलवाई ने मिठाई और नमकीन तैयार की थी। और भी पकवान बना रहे थे।
रात ज्यादा होने की वजह से परिजनों ने दीक्षा से आराम करने को कहा। वह अपने कमरे में चली गईं। कुछ देर के बाद उन्हें घबराहट होने लगी और चक्कर आने लगे। उन्होंने अपने पिता को इस बारे में बताया। पिता ने कहा कि थकावट ज्यादा हो गई होगी। आराम कर लो। कुछ देर में सही हो जाएगा। जिसके बाद दीक्षा बाथरूम चली गई थीं। जहां दीक्षा को हार्टअटैक पड़ गया और मौके पर ही मौत हो गई।
काफी देर तक बाहर न आने पर दीक्षा की मां सरोज ने आवाज लगाई लेकिन भीतर से आवाज न होने पर दरवाजा तोड़ा गया। दीक्षा जमीन पर पड़ी थीं। परिजनों को लगा कि थकावट की वजह से वह बेहोश हो गई होंगी। मुंह पर पानी छिड़कने के बाद भी वह नहीं उठीं तो चिकित्सक को बुलाया गया। चिकित्सा ने दीक्षा को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने दूल्हा पक्ष को सूचना दी। होने वाला दूल्हा और उसके परिजन भी नूरपुर पिनौनी पहुंचे। परिजनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी। प्रभारी निरीक्षक विशाल प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना नहीं दी गई है।
दिल में छेद का दिल्ली से हुआ था इलाज
परिजनों के अनुसार दीक्षा के दिल में बचपन से छेद था। परिजनों ने कई चिकित्सकों से इलाज कराया था। दिल्ली के चिकित्सक से लगातार इलाज कराने के बाद दीक्षा पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गई थीं। उनकी दवा बंद हो गई थी। उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं थी। गमगीन माहौल में दीक्षा के छोटे भाई वंश ने चिता को अग्नि दी। मौत के बाद परिवार सदमे में है।