पीलीभीत: जख्मी बाघिन की तलाश...पीटीआर और उत्तराखंड के वन कर्मियों ने चलाया सर्च ऑपरेशन
पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की जख्मी बाघिन का पता लगाने को टाइगर रिजर्व एवं उत्तराखंड की सुरई रेंज के वनकर्मियों द्वारा संयुक्तरूप से सर्च ऑपरेशन चलाया गया। मगर, मंगलवार देर शाम तक बाघिन की कोई लोकेशन नहीं मिल सकी।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज में बीते तीन मई को एक लंगड़ाती बाघिन को देखा गया था। बाघिन उस दौरान पर्यटन मार्ग के आसपास देखी गई थी। दुर्घटना की संभावना के चलते उच्चाधिकारियों के निर्देश पर टीमें गठित कर बाघिन की 24 घंटे निगरानी शुरू की गई थी। टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से भी बाघिन के संबंध में शासन को अवगत कराते हुए बाघिन को रेस्क्यू करने की अनुमति मांगी गई थी। अनुमति मिलने के बाद बाघिन को पकड़ने के लिए करीब सप्ताह भर पिंजड़ा भी लगाया गया, मगर बाघिन एक बार भी पिंजड़े के आसपास तक नहीं पहुंची।
इसके बाद 03 थर्मल ड्रोन बढ़ाने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के पास ही एक अन्य क्षेत्र में बाघिन होने की संभावना के चलते वहां भी 15 ट्रेप कैमरे लगाकर खोजबीन शुरू की गई। मगर सोमवार तक बाघिन का कहीं कोई सुराग नहीं लग सका था। पीलीभीत टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा उत्तराखंड की सुरई रेंज से भी लगा हुआ है। ऐसे में टाइगर रिजर्व के वन अफसरों ने बाघिन के सुरई रेंज में जाने की संभावना जताते हुए उत्तराखंड के वन अफसरों से भी संपर्क साधा था।
इधर मंगलवार को टाइगर रिजर्व और उत्तराखंड के सुरई रेंज के वनकर्मियों ने संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र के आसपास पेट्रोलिंग की, मगर देर शाम तक बाघिन का कहीं कोई सुराग नहीं लग सका। वन एवं वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ भरत कुमार डीके ने बताया कि बाघिन को तलाशने के लिए सुरई रेंज के साथ संयुक्त रूप से पेट्रोलिंग शुरू की गई है। फिलहाल अभी बाघिन ट्रेस नहीं हुई है। टीमें लगातार खोजबीन में लगी हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही बाघिन को ट्रेस कर रेस्क्यु कर लिया जाएगा।
