जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही : SDM व BSA समेत 89 अधिकारियों का डीएम ने रोका वेतन

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Published By Vinay Shukla
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शासन स्तर पर हुई समीक्षा में 70वें पायदान पर पहुंचा जिला

Action of Gonda DM : जन शिकायतों के निस्तारण में हो रही लापरवाही के चलते जिला 70 वें पायदान पर पहुंच गया। इस पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने जिले के सभी तहसीलों के एसडीएम समेत बीएसए व जिला समाज कल्याण अधिकारी समेत 89 अधिकारियों का वेतन रोक दिया है और 50 प्रतिशत से कम फीडबैक वाले अधिकारियों के मई महीने के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है।  

जन सुनवाई समाधान पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण में अधिकारी जमकर लापरवाही बरत रहे हैं। शासन स्तर बनी मूल्यांकन रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा में कुल 39 अंक काटे गए है। इसमें सर्वाधिक 28 अंक ऐसे है जिसमें शिकायत के निस्तारण के बाद शिकायतकर्ताओं ने असंतोष व्यक्त किया है और निस्तारणकर्ता अधिकारी पर लापरवाही का आरोप लगाया है।समीक्षा के दौरान पता चला कि सर्वाधिक 265 शिकायतें सदर तहसील के तहसीलदार के पास लंबित हैं। उप जिलाधिकारी सदर के पास 177 व तरबगंज उप जिलाधिकारी के पास 115 शिकायत लंबित पड़ी हैं। मनकापुर एसडीएम के पास 67 व करनैलगंज एसडीएम के पास 54 शिकायतें लंबित है।

तरबगंज के तहसीलदार के पास 129 शिकायती पत्र लंबित पड़े हैं। बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता के पास 124, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पास 101, जिला समाज कल्याण अधिकारी के पास 2 तथा बीएसए के पास 9 शिकायतें लंबित हैं, लेकिन इन दोनों अधिकारियों की शिकायत निस्तारण में संतोषजनक निस्तारण का प्रतिशत शून्य है। इस पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है। डीएम ने लापरवाही बरतने वाले सभी 89 अधिकारियों का वेतन रोक दिया है और मई महीने के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। डीएम ने कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही कदापि स्वीकार्य नहीं है।

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