संभल: फर्जी आवंटन मामले में बड़ी कार्रवाई, दो लेखपाल समेत चार चकबंदी कर्मी गिरफ्तार

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Published By Preeti Kohli
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बहजोई, अमृत विचार: चकबंदी प्रक्रिया के दौरान चकबंदी कर्मचारियों ने अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर 326 बीघा भूमि 58 लोगों के नाम आवंटित करने के मामले में पुलिस ने चार चकबंदी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। मामले में एक सहायक चकबंदी अधिकारी फरार है, जबकि घोटाले में शामिल चार चकबंदी कर्मियों की मौत हो चुकी है।

एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि गुन्नौर तहसील के गांव सुखेला में 2012 से चकबंदी प्रक्रिया चल रही थी। 2018 में चकबंदी विभाग के अधिकारियों को पता लगा कि अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर 326 बीघा भूमि 58 लोगों के नाम दर्ज कर दी गई है।

जिसका आवंटन किया गया वह गंगा किनारे की भूमि है। जैसे ही मामले की विभागीय जांच शुरू हुई तो अभिलेख गायब कर दिये गये। इसके बाद हल्का लेखपाल कुलदीप सिंह ने गुन्नौर कोतवाली में 67 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 

एसपी ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच 7 वर्षों तक चली। जिसमें पता चला कि फर्जीवाड़ा कर 326 बीघा जमीन हड़पने के लिए चकबंदी कर्मियों ने ही खेल किया था। एसपी ने बताया कि फर्जीवाड़ा करने वाले तत्कालीन चकबंदी लेखपाल मोरध्वज सिंह निवासी गांव मई थाना हरदुआगंज जनपद अलीगढ़,

कालीचरण आवास विकास कॉलोनी जनपद कासगंज, चकबंदी अधिकारी के लिपिक रामावतार निवासी मोहल्ला सतपुरी नई नरोरा जनपद बुलंदशहर, चपरासी रामनिवास को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं सहायक चकबंदी अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव निवासी पूराडाल थाना काटन जिला जौनपुर अभी फरार है। उसे शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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