Bareilly: अधूरे पुल से गिरकर कार हादसे में गईं थीं तीन जाने...चली जांच-दर-जांच पर इंजीनियरों पर नहीं आई आंच

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। फरीदपुर में रामगंगा नदी पर बने अधूरे पुल से गिरकर कार सवार तीन लोगों की मौत के जिम्मेदार इंजीनियरों पर की जाने वाली कार्रवाई टलती नजर आ रही है। पीडब्ल्यूडी के बदायूं सर्किल के एसई पांच माह पूर्व शासन को भेजी रिपोर्ट में एई, जेई और बदायूं के एक्सईएन को हादसे का जिम्मेदार बता चुके हैं। इसके बावजूद आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।

बता दें, फरीदपुर और बदायूं के खल्लपुर के बीच रामगंगा नदी पर बने अधूरे पुल पर पिछले साल 23 नवंबर की रात हादसा होने के बाद शासन ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर अजय कुमार को जांच कराने और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। हादसे के बाद चीफ इंजीनियर ने बदायूं के एसई केके सिंह को जांच सौंपी थी। इसमें हादसे के लिए बदायूं के एक्सईएन नरेश कुमार के अलावा एई अभिषेक, जेई अजय गंगवार और महाराज सिंह को जिम्मेदार बताया था। एक्सईएन को छोड़कर बाकी के खिलाफ बदायूं के दातागंज थाने में वहां की डीएम के निर्देश पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।

एसई की जांच रिपोर्ट के आधार पर 30 नवंबर को चीफ इंजीनियर अजय कुमार ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट प्रमुख अभियंता को भेजी। एक महीने तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामला मीडिया में सुर्खियां बना तो जनवरी माह में एई अभिषेक कुमार और जेई महाराज सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश हो गए। प्रमुख अभियंता ने प्राथमिक जांच में लापरवाही पाते हुए उत्तर-मध्य क्षेत्र लखनऊ के मुख्य अभियंता को जांच सौंपी है। वहीं, एक्सईएन नरेश कुमार से भी जवाब मांगा गया, लेकिन, जांच-दर-जांच जारी है और अभी तक आरोपी माने गए किसी भी इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की आंच नहीं आई। इधर, स्थानीय पीडब्ल्यूडी के अफसर भी जांच और कार्रवाई शासन स्तर से होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी अजय कुमार ने बताया कि प्रकरण शासन के संज्ञान में है। मुख्यालय स्तर से उत्तर-मध्य क्षेत्र लखनऊ के मुख्य अभियंता को जांच सौंपी है। एई और जेई के खिलाफ विभागीय जांच अभी पूरी नहीं हुई है। बदायूं के एक्सईएन से भी जवाब मांगा गया था। तीन लोगों की मौत मामले में जो भी कार्रवाई होगी वह मुख्यालय के स्तर से ही होगी। स्थानीय स्तर पर जो निर्देश मिलेंगे उसका अनुपालन होगा। 

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