कानपुर : सात घंटे की रिमांड पर दीनू को लेकर पुलिस ने की पूछताछ 

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Published By Vinay Shukla
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कानपुर। बसपा नेता पिंटू सेंगर मर्डर केस में आरोपी दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज को 7 घंटे की रिमांड पर लिया गया. जेल से निकलते ही दीनू फूट फूट कर रोने लगा. टीम के वजह पूछने पर दीनू ने कहा कि एक दिन था जब मेरे साथ एडवोकेट्स की फौज चलती थी. टीम जब मेडिकल के बाद उसे लेकर कैंट थाने पहुंची वहां भी किसी एडवोकेट को न देखकर दीनू फूट फूट कर रोया. इसके बाद टीम उसे लेकर जब उसके घर पहुंची तो वह घर में घुसते ही मेरी भतीजी का पाप भोग रहा हूं कहकर रोने लगा. टीम ने किसी तरह से उसे संभाला और घर की तलाशी ली.

पिंटू सेंगर मर्डर को लेकर पुलिस के मुताबिक पूछताछ में दीनू ने भटकाने का प्रयास किया. बहुत छिपाने की कोशिश की लेकिन जब टीम ने इविडेंस सामने रखे तो वह टूट गया और उसने पिंटू सेंगर मर्डर से जुड़ी सारी जानकारी, महफूज, सऊद और पप्पू स्मार्ट से रिलेशन की जानकारी दी. साथ ही ये भी बताया कि उसने किस तरह से इस हत्या में शामिल दूसरे लोगों से संपर्क किया. संपत्ति के विषय में जानकारी करने पर दीनू ने पुलिस को भटकाने की कोशिश की लेकिन कड़ी पूछताछ और इविडेंस सामने रखने पर वह टूट गया और उसने संपत्ति की जानकारी के साथ-साथ अपने कुछ साथियों के नाम भी बताए. 

ऑफिस और आवास में भी परेशान दिखा
ऑफिस  से घर ले जाने पर दीनू एक बार फिर रोने लगा. वजह पूछने पर उसने बताया कि वह अपने भाई के पापों की सजा भुगत रहा है. बहुत पूछने पर भी कुछ नहीं बताया. वहीं पुलिस के मुताबिक 2021 में दीनू की भतीजी की गोली लगने की वजह से मौत हो गई थी. जिसमें पुलिस को जानकारी दिए बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था. जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और अपनी जांच शुरू की थी, जिसमें पुलिस ने जिस पिस्टल से गोली चली थी, उसे कब्जे में लेकर कार्रवाई की थी. डीसीपी ईस्ट और डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि इस मामले में सीनियर ऑफिसर्स को जानाकारी दी गई है. नए सिरे से जांच की जाएगी. इस मामले में विवेचना में जो लापरवाही की गई थी, उस विवेचक के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

7 घंटे की मिली थी रिमांड
बसपा नेता पिंटू सेंगर मर्डर केस के आरोपी दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज को 7 घंटे की रिमांड पर लेकर जाजमऊ पुलिस रैना मार्केट पहुंची. इस दौरान रैना मार्केट छावनी बना रहा. करीब 45 मिनट तक दीनू के दफ्तर में पुलिस ने जांच पड़ताल की. इसके बाद दीनू को नवाबगंज थाने लेकर गई. जहां जहां से पिंटू सेंगर हत्याकांड के इविडेंस मिल सकते थे, वहां दीनू को लेकर पुलिस पहुंची.

सौ से ज्यादा सवाल और 7 घंटे दीनू से पूछताछ  हुई 
पिंटू मर्डर केस से जुड़ी परतों का खुलासा करने के लिए जाजमऊ पुलिस दीनू उपाध्याय को जेल से सोमवार सुबह 9 बजे रिमांड पर लिया. रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ने दीनू से पूछताछ की. इसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा में लेकर रैना मार्केट स्थित उसके ऑफिस आनंदेश्वर एसोसिएट लेकर पहुंची. करीब 45 मिनट तक दीनू की मौजूदगी में पुलिस ने उसके दफ्तर में जांच-पड़ताल की. दीनू के दफ्तर से पुलिस को कई दस्तावेज मिले हैं.इसके बाद दीनू को नवाबगंज थाने लेकर पुलिस की टीम गई है. दीनू को कड़ी सुरक्षा के बीच रिमांड पर लेने के बाद अलग-अलग ठिकानों पर ले जाकर पुलिस पूछताछ की गई.

दीनू का मोबाइल करना था बरामद, नहीं मिला
रिमांड के दौरान दीनू से उसके मददगार पुलिस कर्मियों के नाम पूछे गए, किस तरह से उसका नाम केस से हटा और फिर जोड़ा गया, इसकी जानकारी की गई. मोबाइल बरामद करने के साथ ही पिंटू मर्डर केस से जुड़े साक्ष्यों को बरामद करने के लिए पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान पुलिस इस जघन्य हत्याकांड के पीछे की वजह और इसमें कौन-कौन और क्यों शामिल थे? इन सभी सवालों से जुड़े जवाब दीनू से पूछे गए.  पुलिस ने दीनू से पूछताछ के लिए सौ से ज्यादा सवालों की लिस्ट तैयार की. आईपीएस से लेकर एसीपी और इंस्पेक्टर लेवल के अफसरों ने दीनू से पूछताछ की. रिमांड का समय कम होने की वजह से पुलिस को पूछताछ का समय कम जरूर मिला लेकिन केस से संबंधित इविडेंस तलाशने की कोशिश गई.

40 बीघा जमीन के मामले में मिली रिमांड
40 बीघा जमीन के मामले में चल रहे विवाद को लेकर पुलिस ने रिमांड एप्लीकेशन डाली थी. ये मामला 90 साल से चल रहा था. इस मामले में 31 मई तक की रिमांड मिल गई है.

बार एसोसिएशन के महामंत्री भी रहे मौजूद 
दीनू को रिमांड पर लेने के बाद बार एसोसिएशन के महामंत्री अमित सिंह भी वकीलों की टीम के साथ रैना मार्केट में मौजूद रहे. आनंदेश्वर एसोसिएट के दफ्तर में जब तक पुलिस की जांच-पड़ताल चलती रही अमित सिंह भी वहां मौजूद रहे. दीनू को पुलिस की टीम लेकर वहां से नवाबगंज के लिए रवाना हुई तो महामंत्री भी वहां से नवाबगंज थाने के लिए निकले. अभियोजन पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि दीनू हत्याकांड में मुख्य साजिशकर्ता है. विवेचक द्वारा की गई जांच में अब तक पता चला है कि दीनू की मृतक पिंटू सेंगर व घटना के सह आरोपी महफूज अख्तर से बात होती थी. पुलिस दीनू की सीडीआर निकाल चुकी है, लेकिन मोबाइल अब तक बरामद नहीं हुआ था. अभियोजन ने कहा कि घटना के समय आरोपी मृतक पिंटू सेंगर व महफूज के संपर्क में था. इसलिए पूरी संभावना है कि मोबाइल में आडियो, वीडियो या अन्य दस्तावेज मिल सकते हैं. अभियोजन ने दलील दी पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की, जिसमें पाया गया कि घटना के दिन दीनू की मृतक पिंटू सेंगर से दो बार बात हुई थी और घटना के पूर्व लगभग तीन माह के दौरान आरोपी महफूज अख्तर की पांच बार बात हुई थी, जिसका जिक्र केस डायरी में किया गया है.

ये था पूरा मामला
जाजमऊ में 30 जून 2020 को जमीनी रंजिश में बसपा नेता पिंटू सेंगर की गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी थी. पिंटू के भाई धर्मेंद्र सेंगर ने पप्पू स्मार्ट, सउद अख्तर, महफूज अख्तर, मनोज गुप्ता, कथित अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और अरिदमन सिंह के नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने विवेचना में वीरेंद्र पाल, श्याम सुशील मिश्रा, शूटर राशिद कालिया, अहसान कुरैशी, सलमान बेग, फैजल कुरैशी, साफेज हैदर और असलम कुलरेज, मकबूल उर्फ बबलू सुल्तानपुरी, तनवीर बादशाह और मोहमम्द आयाज उर्फ टायसन के नाम सामने आए थे. राशिद का इनकाउंटर कर दिया गया था.

दीनू और अरिदमन का नाम निकाल दिया था
तत्कालीन इंस्पेक्टर सभाजीत मिश्रा ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी, लेकिन नामजद होने के बावजूद दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज और अरिदमन सिंह का नाम साठगांठ करके बाहर निकाल दिया था. इसके चलते सभाजीत को सस्पेंड भी किया गया है. केस की पैरवी कर रहे पिंटू सेंगर के भाई धर्मेन्द्र सिंह और अधिवक्ता संदीप शुक्ला ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर मर्डर केस में आरोपियों के नाम बाहर निकाले जाने की जानकारी और साक्ष्य दिए थे. पुलिस कमिश्नर ने मर्डर केस को लेकर जांच बैठाई तो कई अहम साक्ष्य मिले.मर्डर केस में दीनू उपाध्याय और अरिदमन के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी गई. इसके साथ ही 10 मई को दीनू उपाध्याय को अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया. अब अधिवक्ता अरिदमन सिंह पर अरेस्टिंग की तलवार लटक रही है.

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