बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध प्रदर्शन, संविदा कर्मियों का आरोप, बैक डेटिंग कर फर्जीवाड़ा कर रहा प्रबंधन 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर उत्तर प्रदेश में आज से तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। संघर्ष समिति ने पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वे अवैध ढंग से नियुक्त कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को बचाने की साजिश कर रहे हैं और बैक डेटिंग कर फर्जीवाड़ा करने वाले कंसल्टेंट को दोषमुक्त करने में लगे हैं। 

इसके लिये निदेशक वित्त, निधि नारंग को कार्यकाल पूरा होने के बावजूद एक और सेवा विस्तार देने की तैयारी है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के कार्यक्रम के तहत आज से बिजली कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम प्रारंभ किया। 

प्रदेश के सभी जिलों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में विभिन्न दफ्तरों में काम करने वाले बिजली कर्मचारियों का गुस्सा आज फूट पड़ा और वे अपराह्न दो बजे कार्यालयों के बाहर आ गये और जोरदार विरोध प्रदर्शन तीन घण्टे तक किया। संघर्ष समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबन्धन अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन को बचाने की साजिश कर रहे हैं। 

इस हेतु निदेशक वित्त, निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाने की तैयारी है। यह पता चला है कि नये नियुक्त किये गये निदेशक वित्त, पुरूषोत्तम अग्रवाल ने ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में लगी पेनेल्टी के मामले में क्लीन चिट देने से मना कर दिया है और उन्होंने निदेशक वित्त का कार्यभार ग्रहण करने से मना कर दिया है। इसके बाद मौजूदा निदेशक वित्त, निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाया जाने वाला है क्योंकि वे ग्रांट थॉर्टन को फर्जीवाड़ा के बावजूद बैक डेट में क्लीन चिट देने के लिए तैयार हो गये हैं। 

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