87 अधिशासी अभियंताओं को अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस, पावर कारपोरेशन ने दिया तीन दिन के अन्दर कार्रवाई करने का आदेश
लखनऊ, अमृत विचार: पॉवर कारपोरेशन ने 87 अधिशासी अभियन्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का नोटिस भेजा है। इन सभी पर तीन दिन के अन्दर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश है। इससे नाराज विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कथित एक नये टेण्डर घोटाला का हवाला देते हुए पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए नियुक्त ट्रांजैक्शन कंसलटेंट का नियुक्ति आदेश तत्काल रद्द करने की मांग की है।
वहीं, संघर्ष समिति ने अध्यक्ष पॉवर कारपोरेशन को चेताया कि 87 अधिशासी अभियन्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के प्रबन्ध निदेशकों को जारी आदेश से अभियन्ताओं और कर्मचारियों में भारी रोष है।
दरअसल, 27 मई को अध्यक्ष की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के दौरान कुछ अधिशासी अभियन्ताओं ने यह ऑनलाइन मीटिंग छोड़ दी थी संघर्ष समिति का कहना है कि वीडियो कॉफ्रेंसिंग उपभोक्ताओं का ब्रेकडाउन अटेण्ड करने की वजह से छोड़ी गयी थी। पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने इन सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबन्ध निदेशकों को एक पत्र भेज कर 87 अभियन्ताओं की सूची संलग्न कर उनपर तीन दिन के अन्दर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है।
आरोप लगाया कि ऊर्जा निगमों में हड़ताल थोपने के प्रयास में विफल हो जाने के बाद पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन औद्योगिक अशान्ति फैलाने को यह कार्रवाई करवा रहे है।
ग्रांट थॉर्नटन के साथ टेंडर फिक्सिंग का आरोप
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा का आरोप है कि पावर कॉरपोरेशन वित्त विंग ने होल्ड पर रखे गए टेंडर में हेराफेरी करके बैकडेट में पुनः ग्रांट थॉर्नटन को करोड़ों का एक काम देने के तैयारी कर ली है। उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि जब पावर कारपोरेशन के कंसल्टेंट के एक टेंडर में पहले ही ग्रांट थ्रोनटन भाग ले चुका था तो उसकी मांग पर हितों के टकराव के मामले में शिथिलता दिया जाना टेंडर फिक्सिंग को दर्शाता है।
