हेट स्पीच मामले में अब्बास और मंसूर अंसारी दोषी करार, मऊ कोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा, हाई कोर्ट में देंगे फैसले को चुनौती
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मऊ, अमृत विचारः माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर के विधायक अंसारी को सीजेएम कोर्ट ने दोषी करार दे दिया गया है। मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी और उनके चाचा मंसूर अंसारी को दो साल की सजा सुनाई है, साथ ही दोनों पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट का लिया यह फैसला सीधे-सीधे अब्बास की विधायकी पर असर डालेगा। 3 मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने मऊ में आयोजित जनसभा में सरकार बनने के बाद अफसरों से हिसाब-किताब बकाबर की धमकी दी थी। इस भाषण को लेकर मऊ कोतवाली में सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने एफआईआर उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था।
सजा के ऐलान के बाद अब्बास अंसारी ने मऊ की सीजेएम कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। उनका आरोप है कि कोर्ट में उनके पक्ष को पूरी तरह से नहीं सुना गया। इसलिए, वे इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
सजा के ऐलान से पहले यह अटकलें थीं कि सजा की अवधि अब्बास अंसारी की विधायकी को प्रभावित कर सकती है। सवाल उठ रहे थे कि क्या उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाएगी? हालांकि, अब यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी सदस्यता सुरक्षित रहेगी, क्योंकि दो साल से अधिक की सजा होने पर ही विधानसभा सदस्यता रद्द होती। मऊ की सीजेएम कोर्ट ने उन्हें ठीक दो साल की सजा सुनाई है, जिसके कारण उनकी विधायकी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर कहा था कि सरकार बनने के बाद वे अधिकारियों को देख लेंगे। इस बयान के बाद उन पर आपराधिक धमकी, चुनाव अधिकारों का दुरुपयोग, सरकारी कार्यों में बाधा, सरकारी कर्मचारियों को धमकाने, धर्म-जाति के आधार पर वैमनस्य फैलाने और षड्यंत्र रचने जैसे आरोप लगाए गए थे। सीजेएम डॉ. केपी सिंह की कोर्ट ने इस मामले में अब्बास अंसारी और उनके चाचा मंसूर अंसारी को दोषी पाया और दोनों को दो साल की सजा के साथ 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
आपको बता दें कि अब्बास अंसारी पर IPC की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 186 (सरकारी कार्य में बाधा), 171F (चुनाव अधिकार का गलत प्रयोग), 153A (धर्म, जाति आदि के आधार पर वैमनस्य फैलाना), 189 (सरकारी कर्मचारी को धमकाना) और 120B (षड्यंत्र) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
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