धार्मिक शिक्षा देने पर रोक के आदेश के विरुद्ध मदरसों ने ली हाईकोर्ट की शरण, प्रशासनिक कार्रवाई पर लगी अंतरिम रोक

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में धार्मिक शिक्षा देने पर रोक के एक आदेश के विरुद्ध प्रभावित मदरसों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। न्यायालय ने याचिकाओं पर सुनवाई के उपरांत याची मदरसों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने मदरसा मोइनुल इस्लाम कस्मिया समेत दो दर्जन से अधिक मदरसों की और से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है। सभी मदरसे श्रावस्ती जनपद से संबंधित हैं। याचियों की ओर से अधिवक्ताओं नृपेंद्र सिंह, अविरल राज सिंह व मो. यासिर ने दलील दी कि उन सभी को 1 मई 2025 व इसके आसपास की तारीखों पर नोटिसें जारी करते हुए, धार्मिक शिक्षा न देने की बात कही गई थी। दलील दी गई कि उक्त नोटिस पर बिना पर्याप्त समय दिए याची मदरसों को धार्मिक शिक्षा न देने का आदेश पारित कर दिया गया।

मामले में राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता उपेंद्र सिंह ने विस्तृत हलफनामा देने के लिए दो सप्ताह का समय दिए जाने का न्यायालय से अनुरोध किया। इस पर न्यायालय ने समय दिए जाने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया, साथ ही याची मदरसों के विरुद्ध किसी भी प्रकार के प्रशासनिक कार्रवाई अथवा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर अग्रिम सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी।

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