पीलीभीत: 02 दिन में खाली होगा सपा कार्यालय, नोटिस चस्पा...पूर्व जिलाध्यक्ष ने वापस ली थी याचिका 

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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पीलीभीत, अमृत विचार। नगर पालिका के ईओ आवास में संचालित हो रहे समाजवादी पार्टी कार्यालय को खाली कराए जाने को लेकर चल रही कार्रवाई के बीच नया मोड़ आया है। सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम की आख्या मिलने के बाद इसे लेकर रणनीति बना ली गई है। 10 जून को सपा कार्यालय खाली कराया जाएगा। इसका नोटिस भी सपा कार्यालय के बाहर चस्पा कर दिया गया है। इसके बाद सपाई खेमे में भी हलचल मची है।

बता दें कि नगर पालिका पीलीभीत की चेयरमैन डॉ.आस्था अग्रवाल ने 18 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में हुई मुलाकात के दौरान एक पत्र सौंपा था। जिसमें नकटादाना चौराहा पर नगरपालिका के स्वामित्व वाले भवन (सपा कार्यालय) को खाली कराने का आग्रह किया गया था। शासन स्तर पर गंभीरता से लिया गया।  प्रमुख सचिव की ओर से जांच के बाद अवैध कब्जा मुक्त कराकर आख्या मुहैया कराने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए। इसके बाद नगरपालिका ईओ से आख्या तलब की गई। तत्कालीन प्रभारी ईओ ने आख्या बनाकर सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर को भेज दी थी। इसके बाद सपा जिलाध्यक्ष जगदेव  सिंह जग्गा की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने डीएम ज्ञानेंद्र सिंह से मुलाकात की थी और तत्कालीन ईओ की आख्या को राजनीतिक दबाव में बताते हुए आपत्ति दर्ज कराई गई थी। हालांकि इस मुलाकात के दौरान ही सख्ती का इशारा भी प्रतिनिधि मंडल को हो गया था। इधर, सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर, एसडीएम सदर आशुतोष गुप्ता ने इस प्रकरण को लेकर अपनी संयुक्त रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी है। 

बताते हैं कि अभी तक की जांच में समाजवादी पार्टी नेताओं की ओर से कोई स्थगन आदेश पेश नहीं किया जा सका है।  ऐसे में अब कार्यालय खाली कराने की तैयारी की गई है। ईओ संजीव कुमार की ओर से सपा कार्यालय पर नोटिस चस्पा कर दिया है। जिसमें दस जून की सुबह दस बजे तक का समय सामान हटाने के लिए दिया है। इसके बाद नगरपालिका अपने भवन पर कब्जा लेगी। फिलहाल इसे लेकर सुरक्षा इंतजाम भी किए जा रहे हैं। 

वर्ष 2020 में पूर्व जिलाध्यक्ष ने वापस ले ली थी याचिका
बता दें कि नकटादाना चौराहा पर स्थित अधिशासी अधिकारी आवास के एक कमरा और आंगन को 2005 में नगरपालिका बोर्ड द्वारा अस्थाई रुप से किराए पर दिया गया था। आवंटन में निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन न किए जाने के कारण तत्कालीन ईओ द्वारा 12 नवंबर 2020 को आवंटन निरस्त करते कर दिया गया था। इसकी सूचना सपा नेता यूसुफ कादरी को दी गई थी। तत्कालीन जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव की ओर से उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य को प्रतिवादी बनाते हुए योजित की गई थी, जिसे एक दिसंबर 2020 को वापस लिया जा चुका है। इसके बाद 2021 में सपा के तत्कालीन जिला महासचिव यूसुफ कादरी ने नगपालिका पीलीभीत, ईओ के प्रतिवादी बनाते हुए एक वाद न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन में योजित किया गया। यह वाद वर्तमान में विचाराधीन है।  आख्या में ये भी बताया था कि न्यायालय ने न तो किसी प्रकार अंतरिम आदेश पारित किया गया है, न ही नगरपालिका  पीलीभीत को अपने भवन पर कब्जा लेने से रोका गया है। आवंटित भवन का आवंटन निरस्त होने की सूचना बीते सालों में कई बार जिला अध्यक्ष, महासचिव को देने की बात भी की गई। हालांकि सपा जिलाध्यक्ष ने इससे साफ इन्कार किया। ये भी कहा गया था कि अंतिम 11 फरवरी 2025 को सपा जिलाध्यक्ष ने डीएम, सिटी मजिस्ट्रेट को मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए पत्र दिया था। मगर, इसके तीन माह बाद भी समाजवादी पार्टी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय से नगरपालिका के भवन को ,खाली न कराए जाने के संबंध में कोई अंतरिम आदेश प्रस्तुत नहीं किया।

नगर पालिका के ईओ आवास खाली कराने को लेकर संयुक्त जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी गई है। अभी तक की जांच में कोई भी स्थगन आदेश नहीं मिला है। नगर पालिका ईओ के स्तर से आगे की कारवाई की जा रही है।- विजय वर्धन तोमर, सिटी मजिस्ट्रेट

सपा जिलाध्यक्ष बोले: सड़क से सदन तक होगा विरोध
सपा कार्यालय के भवन को खाली कराए जाने के लिए कार्रवाई अंतिम पड़ाव पर आने के बाद हलचल और राजनीति दोनों गरमा गई है। सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा का कहना है कि उन्हें आज तक कोई भी नोटिस नहीं प्राप्त हुआ। पता लगा कि रात में एक नोटिस कार्यालय पर चस्पा कर दिया है। जबकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद असंवैधानिक तरीके से  सत्ता के दबाव में बलपूर्वक कार्यालय खाली कराने की तैयारी की जा रही है। अगर, बलपूर्वक ऐसा कुछ किया जाता है तो सड़क से सदन तक समाजवादी पार्टी विरोध दर्ज कराएगी। न्यायालय की भी शरण ली जाएगी।

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