कानपुर : बिजली की आंख-मिचौली से उद्यमी परेशान, करोड़ो का नुकसान
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उत्पादन हो रहा प्रभावित, उद्यमियों को मिले ऑर्डर हो रहे लेट, बिजली की आवाजाही से उत्पादन की गुणवत्ता पर पड़ रहा असर
Entrepreneurs troubled by power cuts: बिजली की आंख-मिचौनी से शहर की औद्योगिक इकाइयां भी प्रभावित हो रही है। उद्यमियों की माने तो सिर्फ बिजली समस्या से औद्योगिक क्षेत्र में रोजाना 50 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हो रहा है। बिजली की मार से उन लोगों को मिले ऑर्डर लेट हो रहे हैं और उत्पादन की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। हालात यह है कि बिजली समस्या से सीधे उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
शहर में बिजली समस्या पर उद्यमी मुखर हो रहे हैं। उनका कहना है कि केस्को अधिकारियों के साथ बैठकों व शिकायतों के बावजूद औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। औद्योगिक क्षेत्रों में मौजूद इकाइयों में कई ऐसी मशीनें हैं जो एक बार बंद होने के बाद उसे दोबारा पूरी तरह से चालू होने से एक से दो घंटे लग जाते हैं। दिन में यदि दो से तीन बार बिजली कटौती होती है तो रोजाना का उत्पादन लक्ष्य अधूरा रह जाता है। ऑर्डर लेट होते है।
समय पर ऑर्डर पूरा न होने पर कई बार ऑर्डर कैंसिल भी हो जाते हैं। इस स्थिति में औद्योगिक इकाइयों की युनिटों में सिर्फ बिजली समस्या से उद्यमियों को नुकसान हो रहा है। शहर में 7 औद्योगिक क्षेत्रों में सिर्फ एमएसएमई सेक्टर की लगभग 90 हजार इकाइयों पर बिजली संकट की मार लगभग 30 करोड़ रुपये के अधिक बताई जा रही है। बड़ी युनिट का रोजाना 20 करोड़ रुपये का उत्पाद प्रभावित हो रहा है।
लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र मूरजानी का कहना है कि बिजली की समस्या पर कई बार अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकलता है। इकाइयों में उत्पादन पर लगातार बिजली समस्या का असर पड़ रहा है। इसे जल्द न रोका गया तो स्थिति विकट हो सकती है। वहीं, उद्यमी अजय मिश्रा ने बताया कि बिजली समस्या पिछले एक हफ्ते से विकराल हो गई है। इस समस्या का असर शहर के औद्योगिक स्वरूप पर पड़ रहा है। ऑर्डर समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। गुडविल पर असर पड़ने लगा है। इस तरह से तो ऑर्डर मिलने बंद हो सकते हैं।
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