Covid Return : कोरोना के बढ़ते केस को लेकर जारी हुई एडवाइजरी 

Covid Return : कोरोना के बढ़ते केस को लेकर जारी हुई एडवाइजरी 

कोरोना के प्रबंधक के संबंध में जीएसवीएम में हुई बैठक 

Advisory issued regarding increasing cases of Corona:  देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या अब सात हजार से अधिक हो गई है और 78 लोगों की मौत हो चुकी हैं। कोरोना के बढ़ते केसों के संबंध में प्रमुख सचिव ने मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों के लिए एडवाइजरी व सतर्कता बरतने के लिए पत्र जारी किया है, जिसके संबंध में शुक्रवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य प्रो.संजय काला ने सभी विभागों के अध्यक्षों के साथ एक बैठक की, जिसमे उन्होंने कोरोना के संबंध में तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। 

देश के अरुणांचल प्रदेश, त्रिपुरा व मिजोरम को छोड़कर सभी राज्यों में कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी, जिनमे से सर्वाधिक केस केरल में है, यहां पर कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दो हजार से भी पार हो चुका है, इसके बाद संक्रमितों की सबसे ज्यादा संख्या गुजरात में है। फिर पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र व कर्नाटक में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मिले है, जबकि उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 251 हो गई है और दो लोगों की मौत हो चुकी है। इस संबंध में प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कोरोना नियमों का पालन करने के संबंध में एडवाइजरी जारी की है।

वहीं, मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था और दुरुस्त रखने व सैंपिल के निर्देश दिए हैं, जिसको गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके सिंह, माइक्रोबायोलॉजी विभाग समेत सभी विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की, जिसमे उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए प्रबंधन की तैयारी पर जोर दिया। साथ ही अस्पताल में आने वाले कोरोना के लक्षण युक्त मरीजों की जांच और इलाज की रूपरेखा तैयार की। प्राचार्य प्रो. संजय काला के मुताबिक हैलट परिसर में अभी तक कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं आया है। बढ़ते केसों को देखते हुए मेटरनिटी विंग की बिल्डिंग में वार्ड तैयार किए जाएंगे। कॉलेज प्रशासन कोरोना के संबंध में काफी अलर्ट है। 

यह व्यवस्थाएं रखनी होगी दुरस्त 

प्रमुख सचिव ने अपने पत्र के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का 29 मई का पत्र भी भेजा है। उन्होंने सभी चिकित्सा संस्थानों में जरूरी दवाइयों, पीपीई किट, कोविड जांच की सुविधा, आइसोलेशन बेड, मेडिकल आक्सीजन, आइसीयू और वेंटिलेटर युक्त बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। इसके साथ ही आक्सीजन प्लांट सहित अन्य व्यवस्थाओं की कार्यक्षमता को लेकर पिछले दिनों हुई माक ड्रिल में पाई गई, कमियों को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए हैं। ताकि कोविड संक्रमण से ग्रस्त मरीजों को किसी भी प्रकार कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े। 

सांस रोगी और इंफ्लूएंजा ग्रस्त मरीजों की होगी जांच 

प्रमुख सचिव ने जारी पत्र में कहा है कि सांस के गंभीर रोगियों और इन्फ्लूएंजा के पांच प्रतिशत मरीजों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से की जाए। साथ ही जिन मरीजों की आरटी-पीसीआर जांच में सीटी वैल्यू 25 से कम हो, उनके नमूने लखनऊ के केजीएमयू की माइक्रोबायोलाजी विभाग को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजी जाए। जिला स्तर पर स्थापित इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम यूनिट ऐसे मरीजों की निगरानी करेगी। कोविड-19 जांच का डाटा यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस (यूडीएसपी) पोर्टल पर प्रतिदिन अपडेट करना होगा। 

चलेगा विशेष अभियान 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विशेष जागरूकता अभियान का संचालन किया जाएगा, जो मुख्य रूप से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर संचालित किया जाएगा। लोगों को मास्क पहने, समय-समय पर हाथ धोने और खांसते-छींकते समय सावधानी बरतने समेत आदि की जानकारी दी जाएगी। अस्पतालों में भी कोविड से बचाव की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही लक्षण बताकर इलाज के लिए मरीजों को जागरूक किया जाएगा।

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