डिजिटली करण से शिक्षा के क्षेत्र में हो रही क्रांति, मल्टीमीडिया संसाधन पढ़ाई को बना रहे रोचक
लखनऊ, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विजन के अनुरूप नगर विकास विभाग शहरी स्कूल व परिषदीय स्कूलों में शिक्षा को डिजिटल और आधुनिक स्वरूप देगा। संचालित योजनाओं के तहत लगभग 324.56 करोड़ रुपये की लागत से 2,700 से अधिक स्मार्ट क्लास रूम्स की स्थापना की गई है। जिनमें से लगभग 1,780 स्मार्ट क्लास रूम पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। नगर विकास विभाग ने शिक्षा सुविधा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग 2,700 स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना की है। विभाग ने सर्वाधिक स्मार्ट क्लास रूम स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत लगभग 160.83 करोड़ रूपये की लागत से कुल 1,183 स्मार्ट क्लास रूम की परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। जिनमें से प्रदेश के स्मार्ट सिटीज़ में 1,088 कक्षाएं पूर्ण रूप से क्रियाशील हैं। साथ ही ‘’कायाकल्प’’ पहल के तहत लगभग 190 स्मार्ट क्लास रूम 57.66 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई हैं।
विभिन्न योजनाओं के तहत बने हैं स्मार्ट क्लास रूम
उप्र. के नगर विकास योजना के तहत आकांक्षी नगरों में लगभग 29.43 करोड़ रुपये की लागत से 913 स्मार्ट क्लासरूम्स की स्वीकृति मिली थी , जिसमें से 408 कक्षाएं स्मार्ट क्लासेज बन कर तैयार हो कर संचालित हो रही हैं जबकि 505 निर्माणाधीन हैं। साथ ही 398 नई कक्षाओं को भी स्वीकृति प्रदान की है। वहीं मुख्यमंत्री अभ्युदय कॉम्पोजिट स्कूल योजना के अंतर्गत 25 विशेष क्लास रूम बनाये जा रहे हैं। वहीं वैश्विक नगरोदय योजना के अंतर्गत 13 और कायाकल्प परियोजनाएं के तहत 4.25 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट क्लास रूम की निर्माण किया जा रहा है।
निम्न वर्ग के छात्रों को मिल रहा है डिजीटल शिक्षा का लाभ
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निम्न आय वर्ग के छात्रों को आधुनिक एवं डिजीटल शिक्षा की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किये गए हैं। ये क्लासरूम्स इंटरएक्टिव डिजिटल बोर्ड्स, मल्टीमीडिया लर्निंग कंटेंट और हाई-स्पीड इंटरनेट जैसी आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं, जिससे शिक्षण प्रक्रिया अधिक प्रभावशाली और इंटरैक्टिव बनाया जा रहा है। स्मार्ट क्लास रूम के बारे में बताते हुए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि हम शहरी शिक्षा को एक नए आयाम में ले जा रहे हैं।
नामांकन दर बढ़ कर हो गई है 60 फीसदी
नगर विकास विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत 2022 से शुरू हुये इस अभियान के अंतर्गत संचालित 65 प्रतिशत से अधिक स्मार्ट क्लास रूम का संचालन हो रहा है। परिणामस्वरूप परिषदीय स्कूलों में नामांकन दर बढ़कर 59.6 प्रतिशत हो गई है । जो कि राष्ट्रीय औसत से भी लगभग 15 प्रतिशत अधिक है।
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