लखनऊ : जमीन के नाम पर डॉक्टर से ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

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Published By Vinay Shukla
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फर्जी मालिक बनकर साढ़े पांच बीघा जमीन की हुई थी रजिस्ट्री

लखनऊ, अमृत विचार : पुरहिया गांव की साढ़े पांच बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर एक डॉक्टर से करीब 1.50 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले दो जालसाजों को निगोहां पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दावा है कि आरोपियों ने साथियों संग मिलकर आईटीआई के रिटायर्ड अधिकारी की जमीन के जाली दस्तावेज तैयार कर एक डॉक्टर को बेच दिया था। पुलिस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
एसओ निगोहां अनुज कुमार तिवारी ने बताया कि 13 मई 2025 को आईटीआई के रिटायर्ड अधिकारी चंद्रकिशोर ने निगोहां थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी। आरोप था कि कुछ लोगों ने उनकी जमीन के जाली पेपर बनाए और फिर मालिक बनकर करीब साढ़े पांच बीघा जमीन बेच दी थी। जांच में सामने आया कि महेन्द्र यादव निवासी तिलसुआ मलिहाबाद और सौरभ पटेल निवासी खजानपुर माधवगंज हरदोई की भूमिका मिली।

पता चला कि आरोपी महेन्द्र यादव ने डॉक्टर ईशा त्यागी को बताया था कि जमीन का मालिक चंद्रकिशोर है। फर्जी चंद्रकिशोर बनकर राजेश सिंह नाम के व्यक्ति को खड़ा किया गया था। आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेजों के जरिए असली किसान साबित करने की कोशिश की गई। साजिश के तहत डॉक्टर ईशा त्यागी को विश्वास में लेकर जमीन का बैनामा रजिस्ट्री ऑफिस में कराया गया। इसके एवज में राहुल पाल द्वारा डॉक्टर से 11 लाख रुपये नकद भी लिए गए। बाद में जांच में पाया गया कि असली जमीन मालिक चंद्रकिशोर इस रजिस्ट्री प्रक्रिया में शामिल ही नहीं थे।

जिसके बाद रविवार को रायबरेली जाने वाली रोड पर ग्राम भद्दी खेड़ा के पास स्थित एसएन रेडीमेड्स प्लांट से महेन्द्र यादव व सौरभ पटेल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यह फर्जीवाड़ा जमीन बेचकर आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से किया था। पुलिस अब इस पूरे गिरोह के मास्टरमाइंड और फर्जी किसान की तलाश में जुट गई है। वहीं जिन दस्तावेजों के आधार पर यह रजिस्ट्री की गई, उनकी भी फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। एसओ ने बताया कि आरोपी महेंद्र पर काकोरी थाने में आर्म्स एक्ट और सौरभ के खिलाफ हत्या, लूट व गैंगस्टर समेत पांच मामले दर्ज हैं।

विवादित प्लॉट बता वसूली का प्रयास, रिपोर्ट दर्ज

 नाका निवासी शख्स ने महिला समेत चार के खिलाफ बिजनौर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। चारबाग स्थित आर्यनगर निवासी पीयूष ने बताया कि उनके सगे मामा अमित अरोड़ा हार्ट पेशेंट है। उनका एक आवासीय प्लॉट बिजनौर के नटकुर स्थित मुख्य मार्ग पर वर्ष 2012 से पंजीकृत है। जिस पर नींव भी भरी है और पीछे एक अर्द्धनिर्मित कमरा बना है। साथ ही वर्ष 2023 से नगर निगम में भी दर्ज है। पीयूष का कहना है कि वह इस प्लाट का केयरटेकर है। 14 मार्च को वह पिता के साथ जब प्लाट पर गया तो प्लाट पर अर्द्धनिर्मित निर्माण पाया। आरोप है कि इसी दौरान रूपनारायण, प्रेमा देवी, सानू पाल व जयप्रकाश वहां पहुंचे। आरोपी गाली-गलौज करते हुए हमलावर हो गए। पीड़ित का आरोप है कि आरोपी प्लॉट को विवादित कर जबरन वसूली करना चाहते हैं। पीयूष की तहरीर पर बिजनौर पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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