रामपुर : झोलाछाप की लापरवाही से नवजात की मौत, रिपोर्ट दर्ज

अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप, हंगामा
रामपुर, अमृत विचार : नगर में झोलाछाप की लापरवाही के चलते एक आठ माह की गर्भवती की असमय डिलीवरी कराए जाने से नवजात की मौत हो गई। महिला की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। इस घटना से परिजनों में आक्रोश है। पुलिस ने मामले में अस्पताल संचालक सहित दो पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
शाहबाद के मोहल्ला कानून गोयान निवासी इकरार बेग के बेटे सलमान की पत्नी उमरा को 17 जून की सुबह अचानक पेट में तेज दर्द उठा। गर्भावस्था का आठवां महीना चल रहा था। परिजन तत्काल उसे थाना क्षेत्र के कासमनगला गांव स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां बिना किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की देख रेख और जरूरी चिकित्सीय जांच के ही महिला को भर्ती कर लिया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल संचालिका ने जल्दबाजी में नगर के ही एक झोलाछाप को बुलाकर बिना परिजनों की अनुमति के असमय ही ऑपरेशन करा दिया।
ऑपरेशन के दौरान नवजात की मौके पर ही मौत हो गई। महिला की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। परिजनों ने महिला को बेहतर इलाज के लिए किसी बड़े अस्पताल में रेफर करने की मांग की, तो अस्पताल संचालक ने उन्हें रोक दिया। प्रबंधन ने इलाज के नाम पर पैसा कमाने के लिए महिला को जानबूझकर वहीं रोके रखा। इससे महिला की स्थिति और बिगड़ गई। जब महिला की हालत गंभीर हो गई। वह जिंदगी और मौत के बीच झूलने लगी। अगले दिन जब इकरार बेग इलाज के लिए रुपयों का इंतजाम करने बाहर गए थे। तभी अस्पताल संचालक ने परिजनों की अनुमति के बिना ही महिला को मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में एंबुलेंस से भिजवा दिया।
नवजात शिशु की मौत के मामले में अस्पताल संचालक सहित दो पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। रिश्तेदार इकरार बेग ने थाने में तहरीर देते हुए बताया कि 8 माह की गर्भवती उमरा को पीड़ा होने पर अनजाना हॉस्पिटल सैफनी में दिखाने के लिये लाया था। अस्पताल संचालक ने उमरा को अपने अस्पताल में भर्ती कर लिया था। इसके बाद सैफनी के ही दूसरे चांद हॉस्पिटल के डॉ. फहीम को बुलाकर उमरा का बड़ा ऑपरेशन कर दिया। जिससे उमरा के होने वाले बच्चे की तुरंत मौत हो गई। तहरीर के आधार पर सैफनी थाने में अनजाना हॉस्पिटल संचालक व डॉ. फहीम के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
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