बाराबंकी पुलिस की बड़ी कार्रवाई : दो अपराधियों की 71 लाख की सम्पत्ति होगी कुर्क
गैंगस्टर एक्ट के तहत बाराबंकी पुलिस दो कुख्यात अपराधियों पर कार्रवाई करने की बनाई रणनीति
बाराबंकी: अमृत विचार : गैंगस्टर एक्ट के तहत बाराबंकी पुलिस दो कुख्यात अपराधियों की कुल 71 लाख की अचल सम्पत्ति कुर्क करने की कार्रवाई करेगी। यह दोनों लूट, नकबजनी व मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त रहे हैं।
संगठित अपराधों के विरुद्ध चलाए जा रहे सघन अभियान के क्रम में गैंगस्टर एक्ट के तहत दो सक्रिय अपराधियों सत्यदेव उर्फ ननकऊ और ओमप्रकाश वर्मा उर्फ ओंकार वर्मा की कुल 71 लाख मूल्य की अचल सम्पत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही की जाएगी। अभियुक्त सत्यदेव उर्फ ननकऊ पुत्र रामलखन लोनिया निवासी ओरीलाल पुरवा मजरा इब्राहिमपुर थाना रामनगर विगत 14 वर्षों से चोरी, लूट, नकबजनी जैसे संगठित अपराधों में सक्रिय है और अंतरजनपदीय गिरोह चलाता है, जिसमें अन्य सदस्य लखीमपुर खीरी व सीतापुर जनपदों से हैं।
इसके विरुद्ध कई गंभीर धाराओं में मुकदमे पंजीकृत हैं। दूसरा गिरोह सरगना ओमप्रकाश वर्मा उर्फ ओंकार वर्मा पुत्र स्व. रामलखन निवासी मुंशी पुरवा थाना रामनगर है। जो विगत 5 वर्षों से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है और इसके विरुद्ध एनडीपीएस व गैंगस्टर एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2024 में इसे 188 किलोग्राम पोस्ता छिलका व 2.1 किलोग्राम अवैध अफीम के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
हत्या के प्रकरण में एक को आजीवन कारावास की सजा
सफदरगंज थाना क्षेत्र में चार साल पहले हुई हत्या के एक मामले में न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास व 25,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी कोर्ट ने हत्या के प्रकरण में दोषसिद्ध शुभम तिवारी पुत्र विनोद तिवारी निवासी कस्बा व थाना सफदरगंज को भादवि के तहत दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाई। हालांकि, आरोपी को एससी, एसटी एक्ट के अंतर्गत दोषमुक्त कर दिया गया। घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि 27 जुलाई 2021 को वादी जय किशन पुत्र गरीबे निवासी बड़ा मंदिर थाना सफदरगंज ने थाने में तहरीर दी थी कि उसके पुत्र की गला दबाकर हत्या कर दी गई है।
इस पर थाना सफदरगंज में विभिन्न धाराअों के तहत शुभम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की विवेचना तत्कालीन क्षेत्राधिकारी रामस्वरूप सोनकर द्वारा की गई। उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। पैरवी टीम ने तत्परता से सभी साक्ष्य व गवाह प्रस्तुत किए, जिससे न्यूनतम समय में अधिकतम सजा सुनिश्चित हो सकी।
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