Mockdrill : दो घंटे में गांव की ओर बढ़ा बाढ़ का पानी, रेस्क्यू टीम ने ग्रामीणों की बचाई जान

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Published By Vinay Shukla
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ग्रामीणों को किया गया जागरूक, बाढ़ से पहले तैयारियां पूरी

बाराबंकी, अमृत विचार : गांव में हू-हू करती सायरन की आवाज गूंजी और लाउडस्पीकर से चेतावनी दी गई कि दो घंटे में बाढ़ का पानी गांव की ओर बढ़ रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र में सरयू नदी के किनारे बाढ़ प्रभावित गांव के पास हुई मॉकड्रिल में देखने को मिला। जहां एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन ने एक दर्जन विभागों के साथ बाढ़ से बचाव के लिए इस मॉकड्रिल का आयोजन किया।

एसडीएम रामनगर विवेकशील यादव के नेतृत्व में सुबह 10 बजे हेतमापुर गांव में मॉकड्रिल शुरू हुई। सायरन और लाउडस्पीकर से बाढ़ की चेतावनी दी गई। ग्रामीणों को बच्चों, मवेशियों और कीमती सामान के साथ राहत केंद्र जाने को कहा गया। मॉकड्रिल के दौरान दो परिस्थितियों का सामना किया गया। पहली स्थिति में इरफान और जुबेर नामक दो युवक सरयू नदी में फंस गए। पीएससी की टीम ने एचसी सर्वजीत यादव और महेंद्र यादव के नेतृत्व में मोटरबोट से उन्हें बचाया। दोनों को मेडिकल कैंप में प्राथमिक उपचार दिया गया। दूसरी स्थिति में राहत केंद्र के पास एक झोपड़ी में आग लगने का दृश्य बनाया गया। अग्निशमन विभाग की टीम ने एफएसएसओ राहुल कुमार के नेतृत्व में आग पर काबू पाया।

एक बालक कन्हैया दीक्षित को सुरक्षित निकालकर अस्पताल भेजा गया। मॉकड्रिल में शिक्षा विभाग ने अस्थाई कैंप में बच्चों की पढ़ाई का प्रदर्शन भी किया। इस अभ्यास से ग्रामीणों को आपदा से बचाव के उपाय और राहत केंद्र की कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें वास्तविक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया गया। इस अवसर पर तहसीलदार विपुल सिंह, नायाब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी, सब रजिस्ट्रार अनिल कुमार, बीईओ संजय राय, खंड विकास अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह, पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार सिंह, थानाध्यक्ष जगदीश प्रसाद शुक्ला सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। 

नदी में डूबने और आग से बचाव का प्रदर्शन

मॉलड्रिल

बाढ़ से निपटने की तैयारियों को लेकर सनावा उच्च प्राथमिक विद्यालय में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। एसडीएम प्रीति सिंह के नेतृत्व में सुबह 9:30 बजे शुरू हुई इस मॉकड्रिल में सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। मॉकड्रिल के दौरान बाढ़ में डूबने की स्थिति में बचाव कार्य का प्रदर्शन किया गया। पानी से घिरे गांवों से लोगों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया का अभ्यास भी हुआ। स्वास्थ्य, शिक्षा, बालविकास और खाद्य रसद विभाग ने स्टाल लगाकर लोगों को जागरूक किया।

फायर और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने नदी में डूबते व्यक्ति को बचाने और आग पर काबू पाने के तरीके डेमो के जरिए समझाए। एसडीएम ने ग्रामीणों को बाढ़ से जुड़ी जानकारियां दीं और सभी विभागों की तैयारियों का जायजा लिया। कार्यक्रम में खंड विकास अधिकारी अदिति श्रीवास्तव, सहायक विकास अधिकारी पंचायत शंभूनाथ पाठक, विद्युत उपखंड अधिकारी राजवीर सिंह, तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। प्रशासन ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

ग्रामीणों को बचाया

बाढ़ से बचाव का अभ्यास

घाघरा नदी के तट पर स्थित खजूरी राहत केंद्र में बाढ़ से बचाव का मॉकड्रिल आयोजित किया गया। एसडीएम अनुराग सिंह के नेतृत्व में हुए इस अभ्यास में एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमों ने हिस्सा लिया। मॉकड्रिल में बाढ़ में फंसे लोगों को स्टीमर से बचाने का अभ्यास किया गया। बचाव दल ने डूबते हुए ग्रामीणों को निकालकर मेडिकल कैंप तक पहुंचाया।

मेडिकल टीम ने पीड़ितों के पेट से पानी निकालने का प्रदर्शन किया। घाघरा नदी के किनारे दर्जनों गांव बसे हैं, जहां बाढ़ का खतरा लगातार बना रहता है। इस मॉकड्रिल में पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभ्यास भी किया गया। बाढ़ विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को आपदा के समय बचाव के तरीके भी समझाए। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को बाढ़ जैसी आपदा में खुद को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करना था। मॉकड्रिल से स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों की तैयारियों का भी परीक्षण हुआ।

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