सरकारी स्कूलों में बेहतर होगी शिक्षा, निपुण एप पर हर हफ्ते पांच बच्चों का मूल्यांकन करेंगे शिक्षक

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: शिक्षकों को अब हर हफ्ते अपनी कक्षा के कम से कम पांच बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता का मूल्यांकन निपुण एप पर करना होगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा इससे सही समय पर बच्चों के पढ़ाई के स्तर की शिक्षकों, अभिभावकों और अधिकारियों को जानकारी हो सकेगी।

परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के सीखने के स्तर को बेहतर करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से निपुण एप अपग्रेड किया गया है। छात्र-छात्राओं के मूल्यांकन के लिए कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए विषयवार प्रश्न बैंक बनाया गया है। ये प्रश्न बच्चों की समझ और सीखने की क्षमता से संबंधित हैं। एप से शिक्षकों, पर्यवेक्षकों और मास्टर ट्रेनरों को जोड़ा गया है। हर बच्चे से अलग अलग रेंडम आधार पर प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रदर्शन के आधार पर तुरंत सहयोग किया जाएगा। शिक्षकों को एप पर 25 सप्ताह की शिक्षण योजना के मुताबिक मूल्यांकन करना होगा।

एआरपी, डायट मेंटर्स और स्टेट रिसोर्स ग्रुप को 10 से 30 स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करना होगा। इन निरीक्षणों के दौरान कक्षा एक और दो के 40 प्रतिशत, कक्षा तीन से पांच के 30 प्रतिशत व कक्षा छह और आठ के 20 प्रतिशत बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा। निपुण ऐप एक बार में दो विद्यालयों का मूल्यांकन होने के बाद लॉक हो जाएगा। रविवार और छुट्टियों में भी बंद रहेगा। पर्यवेक्षण के बाद शिक्षकों को फीडबैक और रेमेडियल प्लान देना भी अनिवार्य किया गया है। 

बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठकों में एप का ये डाटा समीक्षा का आधार बनेगा। राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने सभी बीएसए और डायट प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने स्तर से संबंधितों से एप का इस्तेमाल सुनिश्चित कराएं। एप का यूजर मैनुअल भी जारी कर दिया गया है।

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