प्रयागराज : यूपीपीसीएस (जे) 2022 परीक्षा की अनियमिताओं के संदर्भ में माथुर आयोग ने प्रस्तुत की रिपोर्ट
प्रयागराज अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष यूपीपीसीएस (जे) 2022 मुख्य परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए हाईकोर्ट के निर्देशानुसार नियुक्त पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर के नेतृत्व वाले आयोग ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। आयोग ने उक्त परीक्षा के संचालन और मूल्यांकन में विसंगतियों और कदाचार के संबंध में कई उम्मीदवारों द्वारा उठाई गई आपत्तियों की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
बता दें कि कोर्ट ने 31 मई 2025 तक जांच के लिए गठित स्वतंत्र आयोग से यूपीपीसीएस (जे) परीक्षा की मूल्यांकन प्रक्रिया को चयन की आवश्यकताओं के अनुसार अधिक संवेदनशील और विश्वसनीय बनाने के साधनों को ढूंढने और आयोग द्वारा निर्धारित स्वीकृत तरीकों की जांच करने के लिए मौजूदा तंत्र को संशोधित करने की आवश्यकता पर विचार करने तथा ऐसे कारण और परिस्थितियों, जिनके कारण आयोग अपनी गलतियों का पता लगाने और समय पर उसमें सुधार करने में असमर्थ रहा है, जैसे मुद्दों पर सुझाव मांगते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
मालूम हो कि कोर्ट ने उक्त आयोग के गठन का आदेश अभ्यर्थी श्रवण पांडेय सहित कई अन्य अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया था। याचिकाओं में अंक निर्धारण में विसंगतियों और कदाचार के आरोपों के आधार पर नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की गई थी। इसी कारण कोर्ट ने न्यायमूर्ति माथुर से अनुरोध किया कि वह यूपीपीसीएस (जे) 2022 की लिखित परीक्षा की सभी उत्तर पुस्तिकाओं के संदर्भ में कोर्ट द्वारा सुझाए गए बिंदुओं के आलोक में मामले की जांच करें।
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