प्रयागराज : राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र के गतिशील प्रदर्शन से संबंधित याचिका खारिज

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र के गतिशील (घूमते या चलते) प्रदर्शन के लिए नीति या दिशानिर्देश तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिका में वास्तविक जनहित का अभाव है और यह मुख्य रूप से याची के निजी प्रस्ताव से संबंधित है, जिस पर प्राधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है।

विपक्षियों द्वारा याची के प्रस्ताव पर कार्रवाई न करने पर उपरोक्त प्रस्ताव को जनहित में नहीं ठहराया जा सकता है। अगर याची को कार्यवाही न होने पर कोई शिकायत है, तो यह याची का व्यक्तिगत मामला है और स्पष्टतः इस मामले में कोई जनहित शामिल नहीं है। उक्त आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने अजय कुमार शर्मा की जनहित याचिका को खारिज करते हुए पारित किया।

दरअसल याची ने राष्ट्रीय गौरव और तकनीकी नवाचार के प्रतीक के रूप में अशोक स्तम्भ के नीचे स्थापित अशोक चक्र के नवीन प्रदर्शन के लिए भारत के प्रधानमंत्री को एक प्रस्ताव भेजा था। हालाँकि उक्त प्रस्ताव को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया, तो याची ने हाईकोर्ट के समक्ष वर्तमान जनहित याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना कि मामला व्यक्तिगत हित से संबंधित है, ना कि जनहित से।

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