Muharram 2025: या सकीना या अब्बास की सदाओं से गूंज उठा माहौल, दरिया वाली मस्जिद से निकला अलम फातहे फुरात

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार। लश्कर-ए-हुसैनी के अलमदार हजरत अब्बास की याद में 8 मोहर्रम की रात दरिया वाली मस्जिद से अलम-फातहे फुरात का जुलूस निकाला गया। जुलूस से पहले मौलाना कल्बे जवाद ने मजलिस को खिताब किया। मौलाना कल्बे जवाद ने हजरत अब्बास की दर्दनाक शहादत का वाक्या बयान किया तो लोग फूट-फूट कर रोये।

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मौलाना ने कहा कि हजरत अब्बास नहरे फुरात पर प्यासे बच्चों के लिए पानी लेने गये थे। वह जंग करने नहीं गये थे इसलिए निहत्थे थे लेकिन उन्हें नहर की तरफ आता देखकर यजीद की फौज भाग खड़ी हुई थी लेकिन मश्क को पानी से भरने के बाद वह वापस चले तो यजीदी लश्कर ने एक साथ निहत्थे अब्बास पर हमला किया और उन्हें शहीद कर दिया।

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मजलिस के बाद अलम फातहे फुरात का जुलूस रूमी गेट और नीबू पार्क होता हुआ इमामबाड़ा गुफरान मआब की तरफ बढ़ा। या सकीना या अब्बास की सदाओं से पूरा माहौल गूंज उठा। अलम की जियारत करने के लिए जुलूस के रास्ते में हजारों लोगों की भीड़ जमा थी।

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जुलूस के रास्ते में बड़ी संख्या में सबीलें लगाई गई थीं। पुलिस प्रशासन ने जुलूस की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे। ड्रोन कैमरे के जरिये चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की निगाह थी।

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