UPSIDA का विकास मॉडल तीन साल में हुआ तीन गुना, 4800 नई नौकरियां और 42 ऑनलाइन सेवाओ से लगाई छलांग
लखनऊ, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक नीतियों और पारदर्शी प्रशासनिक मॉडल के चलते यूपीसीडा ने तीन साल में तीन गुना छलांग लगाई है। 6,190 करोड़ का बजट, 4800 नई नौकरियां और 42 ऑनलाइन सेवाएं देकर रिकार्ड बनाया है।
यूपीसीडा ने 2023–24 में 1,898 करोड़ और 2024–25 में अनुमानित 1,937 करोड़ का राजस्व दर्ज किया है, जो 2021–22 की तुलना में तीन गुना से अधिक है। 6,190 करोड़ का रिकॉर्ड बजट है। इस बजट से औद्योगिक क्षेत्रों में स्मार्ट सड़कों, जल आपूर्ति, सीवरेज नेटवर्क और बिजली जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। यूपीसीडा ने एक आवंटन संस्था से आगे बढ़कर नीति निर्माण, निवेश संवर्द्धन और अधोसंरचना विकास में अग्रणी भूमिका निभाई है। इससे प्रदेश में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। अब यूपीसीडा का मिशन केवल औद्योगिक अधोसंरचना बनाना नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश को भारत का अग्रणी औद्योगिक इंजन बनाना है, जहां निवेशकों को संभावनाएं, युवाओं को रोजगार और प्रदेश को एक समावेशी व समृद्ध भविष्य मिले।
पिछले तीन वर्षों में यूपीसीडा के द्वारा 1,600 से अधिक औद्योगिक भूखंडों का सफल आवंटन किया। ‘निवेश मित्र’ पोर्टल, ई-नीलामी, ऑनलाइन भुगतान और शिकायत निवारण जैसी 42 सेवाओं के माध्यम से अब तक 31 हजार से अधिक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 96 फीसदी का समाधान किया जा चुका है।
प्रशासनिक खर्च में 9 प्रतिशत की कटौती
वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देते हुए यूपीसीडा ने प्रशासनिक व्यय में 9 प्रतिशत की कटौती की है, जो योगी सरकार की ‘कम खर्च, ज्यादा परिणाम’ नीति का जीवंत उदाहरण है। दूसरी तरफ, वर्ष 2017–18 में जहां अवस्थापना व्यय 104 करोड़ था, वह 2023–24 में चार गुना बढ़कर 415 करोड़ तक पहुंच गया है।
700 करोड़ निवेश, 4800 रोजगार अवसर
मई 2025 में आयोजित मेगा आवंटन योजना में 113 भूखंडों के माध्यम से 700 करोड़ निवेश और 4,800 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। योगी सरकार की समावेशी औद्योगिक नीति के तहत छोटे उद्योगों को किफायती भूखंड और सरल प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं, वहीं बड़े निवेशकों के लिए विशेष क्लस्टर जोन और नीति सहयोग की सुविधा दी जा रही है।
यह भी पढ़ेः निजीकरण पर नियामक आयोग जल्द देगा वृहद रिपोर्ट, हो रहा पावर कॉर्पोरेशन की अंतरिम रिपोर्ट का इंतजार
