जूनियर छात्रों को ‘WhatsApp Group’ से परेशान किया तो माना जायेगा रैगिंग, UGC ने जारी किये निर्देश  

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Published By Anjali Singh
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दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे जूनियर छात्रों को परेशान करने के लिए बनाए गए किसी भी अनौपचारिक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ पर नजर रखें। अधिकारियों ने जानकारी में कहा कि इस प्रकार के ‘ग्रुप’ को ‘रैगिंग’ माना जाएगा और ‘रैगिंग’ रोधी नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

हर साल दर्जनों शिकायतें 

यूजीसी को नए छात्रों से हर साल दर्जनों शिकायतें मिलती हैं, जिनमें वरिष्ठ छात्रों द्वारा उन्हें परेशान किए जाने के आरोप लगाए जाते हैं। यूजीसी ने अपने नवीनतम निर्देश में कहा, ‘‘कई मामलों में वरिष्ठ छात्र अनौपचारिक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाते हैं, कनिष्ठ छात्रों से संपर्क करते हैं और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। यह भी ‘रैगिंग’ के समान है और इसके लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’’ 

छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि 

उन्होंने कहा, ‘‘परिसर में छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ‘रैगिंग’ रोधी मानदंडों को लागू करने में विफलता के कारण अनुदान रोकने सहित कड़ी कार्रवाई हो सकती है।’’ परामर्श में उन घटनाओं को भी चिह्नित किया गया है जिनमें कनिष्ठ छात्रों को धमकी दी गई थी कि अगर वे अपने वरिष्ठ छात्रों के निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा। 

Verbal forms से भी अपमानित करना रैंगिग

छात्रों को बाल कटवाने के लिए मजबूर करना, लंबे समय तक जगाए रखना या उन्हें मौखिक रूप से अपमानित करने को भी रैंगिग के ही अन्य तरीकों के रूप में वर्णित किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसे कृत्य शारीरिक और मानसिक कष्ट का कारण बनते हैं और ‘रैगिंग’ विरोधी नियमों का गंभीर उल्लंघन हैं तथा पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।

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