गंगा, यमुना पहुंची बड़े हनुमान जी के द्वार! तेजी से बढ़ रहा संगम क्षेत्र में जलस्तर, NDRF-SDRF तैनाती
प्रयागराज, अमृत विचार। मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने से संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा और यमुना नदियों का पानी बड़े हनुमान मंदिर के करीब तक पहुंच गया है। वहीं संगम किनारे बनी झोपड़ियां भी पानी में डूब गई है। हरिहर गंगा आरती स्थल भी पानी में डूब चुका है जिसके चलते आरती स्थल भी विस्थापित करना पड़ा है। अचानक बढ़े जलस्तर से कई दुकानों में भी पानी घुस गया है। घाटिया भी अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे है।
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बांधों से छोड़े गए पानी का असर अब प्रयागराज में दिखाई देने लगा है।संगम क्षेत्र में त्रिवेणी मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है जिन सड़कों पर मोटर गाड़ियां फर्राटा भरती थी वहां पर अब नावें में चल रही है। दोनों नदियों के बढ़ रहे जल स्तर पर सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम ने बताया कि गंगा नदी का जलस्तर 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे और यमुना नदी का जलस्तर 7 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
सुबह आठ बजे से फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 80.43 मीटर और छतनाग में 80.06 मीटर रिकॉर्ड किया गया है जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 80.80 मीटर दर्ज किया गया है। पिछले 24 घंटे में गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 103 सेंटीमीटर और छतनाग में 124 सेंटीमीटर बढ़ा है जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 175 सेंटीमीटर 24 घंटे में बढ़ा है। हालांकि दोनों नदियां अभी डेंजर लेवल से करीब 4 मीटर नीचे बह रही हैं। गंगा और यमुना नदियों का डेंजर लेवल प्रयागराज में 84.734 मीटर है।
सिंचाई विभाग के आंकड़ों के अनुसार यमुना नदी का जलस्तर 81.54 मीटर और गंगा नदी का जलस्तर 80.97 मीटर पहुंचने पर गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश कर जाता है। संगम क्षेत्र में आई बाढ़ के चलते श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने संगम क्षेत्र में जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती कर दी है। स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरीकेटिंग लगाई गई है। पुलिस को भी तैनात किया गया है। नाविकों को गहरे पानी और संगम की तरफ जाने पर रोक लगाई गई है।
प्रशासन की ओर से निर्देश दिया गया है कि नाविक लाइफ जैकेट के बगैर किसी भी श्रद्धालु को लेकर नदी में नहीं जाएंगे। बाढ़ के चलते संगम क्षेत्र का नजारा बदल गया है। संगम क्षेत्र में सड़कों पर नाव चल रही है। दुकानें और झोपड़ियां बाढ़ के पानी मे डूब गई हैं। एक बार फिर दोनों नदियों का बढ़ता जलस्तर निचले इलाकों में रहने वालों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।
क्योंकि बाढ़ का पानी अब रिहायशी इलाकों में भी घुसने लगा है। हालांकि बाढ़ के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम की ओर रुख कर रहे हैं। संगम में आस्था की डुबकी लगाकर बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन कर रहे हैं। मान्यता है कि हर साल मां गंगा और यमुना नदियां बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश कर हनुमान जी को अभिषेक कराती हैं। श्रद्धालु इस बार भी कामना कर रहे हैं कि जल्द ही दोनों ही नदियां हनुमान जी को अभिषेक करायेंगी। हनुमान मंदिर में गंगा और यमुना नदियों का प्रवेश होने के बाद विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं जिसके बाद जलस्तर कम होने पर दोबारा पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले जाने की परंपरा है।
