नए निदेशक की तलाश में खंगाली जा रही डॉक्टरों की कुंडली, इस निलंबित अधिकारी की बढ़ेंगी मुश्किलें
लखनऊ, अमृत विचार। होम्योपैथी विभाग के लिए नए निदेशक की तलाश शासन में शुरू हो गयी है। शासन द्वारा मौजूदा प्रधानाचार्यो की कुंडली खंगाली जा रही है। दूसरी तरफ निलंबित निदेशक डॉ.अरविंद कुमार वर्मा के कार्यकाल में जारी मेडिकल स्टोर के लाइसेंस, संविदा शिक्षकों की तैनाती करने आदि निर्णयों की जांच की तैयारी शुरू हो गयी है। इसके लिए विभाग में पत्रावलियों पर सतर्कता बढ़ गयी है।
निलंबित निदेशक डॉ.अरविंद वर्मा के खिलाफ शिकायतों का पिटारा बढ़ता जा रहा है। होम्योपैथी कॉलेजों में संविदा शिक्षकों को अन्य विषयों में तैनाती देने के अलावा निदेशालय द्वारा विभिन्न जिलों में जारी मेडिकल स्टोर लाइसेंसों की जांच करायी जाएगी। मालूम हो कि जिन मंडलों में होम्योपैथी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) नहीं हैं, वहां का लाइसेंस निदेशालय से जारी होता रहा है। निर्वतमान निदेशक द्वारा खूब लाइसेंस जारी किए गए हैं। अब सभी लाइसेंसों की जांच करायी जाएगी। जिन लाइसेंसों में नियमों को अनदेखी की गयी होगी, उन्हें निरस्त किया जाएगा। बताते चले कि बीते दिनों आयुष मंत्री डॉ.दया शंकर मिश्र दयालु के निर्देश पर होम्योपैथी निदेशक डॉ. अरविंद कुमार वर्मा को तबादलों में अनियमित्ता समेत प्रशासनिक दायित्वों में संदिग्धता के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
निदेशक की कतार में सात प्रधानाचार्य
नए निदेशक की तलाश में शासन द्वारा सभी सात प्रधानाचार्यो की पत्रावलियां तलब की गयी हैं। इस कतार में सबसे आगे नेशनल होम्योपैथी कॉलेज, गोमतीनगर के प्रधानाचार्य प्रो.विजय पुष्कर एवं प्रयागराज मेडिकल कॉलेज की प्रो.हेमलता खड़ी हैं। मालूम हो कि आयोग द्वारा गत वर्ष चयनित छह प्रधानाचार्यों में प्रो.विजय पुष्कर के अलावा अन्य प्रधानाचार्य गैर प्रांत पृष्ठभूमि के हैं।
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