RSS मुख्यालय के कथित निर्देश पर राशन की दुकान पर हुई कार्रवाई पर रोक, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
विधि संवाददाता, लखनऊ, अमृत विचार। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्यालय से सर कार्यवाह के कथित पत्र से मिले निर्देश पर सरकारी राशन की दुकान को निलंबित करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायालय ने उक्त दुकानदार के विरुद्ध चल रही जांच को भी स्थगित कर दिया है। न्यायालय ने मामले में राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने गोंडा निवासी मनोज कुमार की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया है। याचिका में एसडीएम करनैलगंज, गोंडा के 30 जून 2025 के आदेश को चुनौती दी गई है। उक्त आदेश के द्वारा याची पर वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए, राशन की दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई। याची का कहना था कि एसडीएम का आदेश दुर्भावना से ग्रस्त है, क्योंकि उसके खिलाफ आरएसएस मुख्यालय के निर्देश पर कार्रवाई की गई है।
कहा गया कि नागपुर संघ मुख्यालय से खाद्य आयुक्त, उत्तर प्रदेश को 5 सितंबर 2024 को सर कार्यवाह की ओर से कथित पत्र लिखकर उन्हें निर्देश दिया गया कि याची का लाइसेंस निरस्त किया जाए। आरोप लगाया गया कि संघ मुख्यालय ने यह कार्यवाही एक शिकायतकर्ता दिनेश शुक्ला के पत्र के परिप्रेक्ष्य में किया। याची की ओर से तर्क दिया गया कि आरएसएस को किसी सरकारी अफसर को निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है और यदि किसी अफसर ने ऐसे निर्देश पर कार्यवाही किया है तो वह कार्यवाही दुर्भावनापूर्ण मानी जानी चाहिए। वहीं न्यायालय ने राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया है, साथ ही कथित शिकायतकर्ता को याचिका में विपक्षी पक्षकार बनाने का भी आदेश दिया है।
