निजीकरण को लेकर बिजली कर्मियों का विरोध प्रदर्शन जारी, ऊर्जा मंत्री के निवास का किया घेराव

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के लिये की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाही का आरोप लगाते हुये विद्युत कर्मियों ने मंगलवार को ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा के निवास के बाहर प्रदर्शन किया। लखनऊ के बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियन्ता मध्याह्न 12 बजे ऊर्जा मंत्री के कालिदास मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे। वहां पहुचने के बाद ऊर्जा मंत्री ने बिजली कर्मियों के शीर्ष पदाधिकारियों से मिलने से मना कर दिया। 

इसके बाद बिजली कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा और बिजली कर्मियों ने उत्पीड़न बंद करने तथा निजीकरण निरस्त करने के नारे लगाने शुरू कर दिये। थोड़ी देर में काफी पुलिस बल ऊर्जा मंत्री के आवास पर आये मगर बिजली कर्मी बिना उत्तेजित हुए शान्तिपूर्ण ढंग से अपना विरोध दर्ज करते रहे। 

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि बिजली कर्मियों की मुख्य मांग है कि ऊर्जा मंत्री ने तीन दिसम्बर 2022 और 19 मार्च 2023 को संघर्ष समिति के संयोजक सहित सभी शीर्ष पदाधिकारियों के साथ लिखित समझौता किया था। समझौते के अनुसार मार्च 2023 की हड़ताल के दौरान की गयी उत्पीड़न की कार्यवाही आज तक वापस नहीं ली गयी है। 

ऊर्जा मंत्री से वही पदाधिकारी मिलकर यह समझने आये हैं कि समझौते के अनुपालन में उत्पीड़न की कार्यवाहियां वापस लेने के बजाय लगातार उत्पीड़न की और कार्यवाहियां क्यों की जा रही हैं। उन्होने कहा कि ऊर्जा मंत्री संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से इस सम्बन्ध में बातचीत के लिए तैयार नहीं थे। 

ऊर्जा मंत्री के निवास पर शान्तिपूर्वक विरोध 

इसके विरोध में बिजली कर्मियों ने मध्याह्न 12 बजे से सायं 4 बजे तक ऊर्जा मंत्री के निवास पर शान्तिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति ने मांग की कि दिसम्बर 2022 में किये गये समझौते का पालन किया जाये, मार्च 2023 के समझौते के अनुपालन में उत्पीड़न की की गयी समस्त कार्यवाहियां वापस ली जायें। 

अत्यन्त अल्प वेतन भोगी निकाले गये संविदा कर्मचारियों को बहाल किया जाये। उत्पीड़न की दृष्टि से बड़े पैमाने पर किये गये बिजली कर्मियों के स्थानान्तरण निरस्त किये जायें, बिजली कर्मियों के शीर्ष पदाधिकारियों पर दमन की दृष्टि से बैठाई गयी स्टेट विजिलेंस की जांच और की गयी एफआईआर वापस ली जाये। 

बिजली कर्मियों का रोका गया वेतन 

फेसियल अटेंडेंस के नाम पर बिजली कर्मियों का रोका गया वेतन जारी किया जाये। बिजली कर्मियों की रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने के लिये स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही तत्काल बन्द की जाये और प्रदेश के व्यापक हित में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय निरस्त किया जाये।

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