लखनऊ में ऑनलाइन सट्टे में मुनाफे का झांसा देकर धोखाधड़ी करने 15 साइबर ठग गिरफ्तार

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Published By Vinay Shukla
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अन्ना रेड्डी, फेयर प्ले और 99 एक्सचेंज के नाम से फर्जी लिंक भेजकर करते थे ठगी

साइबर थाना व साइबर सेल की संयुक्त टीम ने अर्जुनगंज न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक घर से पकड़ा

लखनऊ, अमृत विचार: साइबर थाना व साइबर क्राम सेल की संयुक्त टीम ने ऑनलाइन गेम में सट्टा लगाने पर मुनाफे का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने सुशांत गोल्फ सिटी स्थित फ्रेंड्स कॉलोनी के एक मकान में छापेमारी कर 15 साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने अन्ना रेड्डी, फेयर प्ले और 99 एक्सचेंज के नाम से फर्जी लिंक भेजकर उन्हें ग्रुप में जोड़कर ठगी करते थे।

डीसीपी क्राइम कमलेश कुमार दीक्षित ने बताया कि इंस्पेक्टर साइबर थाना बृजेश कुमार यादव व साइबर सेल के उपनिरीक्षक सैय्यद हसन आदिल टीम के साथ अहिमामऊ चौराहे पर थे। सूचना मिली कि साइबर ठगी गिरोह के लोगों ने अर्जुनगंज फ्रेंड्स कॉलोनी में एक मकान किराए पर कमरा ले रखा है। इस सूचना पर पुलिस टीम ने मकान में छापेमारी की। कमरे में कई लोग लैपटॉप, मोबाइल और अलग-अलग सिम कार्ड का इस्तेमाल कर ऑनलाइन सट्टा खिलवा रहे थे। वहां बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी रखे थे।

पुलिस ने घेराबंदी कर गिरोह के 15 लोगों को धर दबोचा। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की। छानबीन में पता चला कि बिहार के मैरवा सीवान निवासी प्रदुमन कुमार सिंह गिरोह का संचालन कर रहा था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अन्ना रेड्डी, फेयर प्ले और 99 एक्सचेंज नाम से फर्जी लिंक बना रखा है। टेलीग्राम एप पर आरोपी उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों के लोगों को लिंक शेयर कर ऑनलाइन गेम के नाम पर संपर्क करते थे।

पहले जब लोग छोटे छोटे अमाउंट लगवा कर जिताते थे। लालच में जब पीड़ित अधिक रुपये लगाता था तो उसे हरवाने लगते थे। इसके बाद सट्टे की रकम किराए के खातों में ट्रांसफर कर एटीएम या ऑनलाइन माध्यम से निकाल लेते थे। छानबीन में पता चला कि कई प्रदेशों से करीब 44 लोगों की शिकायत आई थी।

सरगना राजा उर्फ गनी भाई की तलाश : साइबर थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि जांच में पता चला कि गिरोह का सरगना राजा सिंह है, जो गनी भाई के नाम से भी जाना जाता है। वह लखनऊ का रहने वाला है। साइबर टीम उसके बारे में ब्योरा जुटा रही है। आरोपियों के पास से एक कार, 53,200 रुपये, 44 मोबाइल फोन, तीन लैपटाप, 42 एटीएम कार्ड, चेक बुक, सिम व अन्य दस्तावेज मिले हैं।

मोटी रकम ठगने के बाद तोड़ देते थे लैपटॉप व मोबाइल : इंस्पेक्टर बृजेश यादव के मुताबिक छानबीन में पता चला कि गिरोह मोटी रकम ठगने के बाद मोबाइल, सिम कार्ड और लैपटॉप को तोड़कर फेंक देते थे। यही नहीं गिरोह लगातार ठिकाने भी बदलता रहता था। आरोपियों की ओर से इस्तेमाल किए गए खातों में करोड़ों रुपये के लेनदेन हुए हैं। आरोपियों ने मल्टी-लेयर लेन-देन किया है। इसके लिए फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता था।

ये 15 हुए गिरफ्तार : गिरफ्तार आरोपियो में प्रदुमन के अलावा सीतापुर के नवीनगर लहरपुर निवासी अखिलेश कटियार, बिहार के सीवान निवासी आलोक सिंह, अमन कुमार सिंह, प्रीतम कुमार, अंकित कुमार, अभिनंदन सिंह, धन्नू कुमार, गोपालगंज निवासी अमित कुमार बर्नवाल, अभिजीत कुमार शर्मा, बलिया के सिकंदरपुर निवासी इंद्रजीत कुमार, कुशीनगर के हाटा निवासी आर्यन बर्नवाल, देवरिया सिविल लाइंस निवासी ऋषभ सिंह, बिहार के बांका निवासी सावन कुमार सिंह और बाराबंकी के दसहराबाद निवासी अभिषेक गुप्ता हैं।

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