लखनऊ : भ्रष्टाचार के आरोप में कानपुर के एसीएमओ समेत तीन डॉक्टर निलंबित, डफरिन अस्पताल की सीएमएस समेत कई पर विभागीय कार्रवाई शुरू
लखनऊ, अमृत विचार। स्वास्थ्य विभाग में लग रहे आरोपों और शिकायतों के बाद राज्य सरकार द्वारा जबरदस्त कार्रवाई हुई है। भ्रष्टाचार के आरोप में कानपुर नगर के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) समेत एटा के दो चिकित्सकों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा राजधानी लखनऊ में वीरांगना अवंती बाई महिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ.रेनू पंत को आरोप पत्र देते हुए, कानपुर नगर के चीफ फार्मासिस्ट और बांदा व हमीरपुर के एक-एक डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।
उप्र मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर डॉक्टर व अन्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने गुरुवार को शुरू कर दी है। प्रमुख सचिव ने बताया कि कानपुर नगर में एसीएमओ के पद पर रहते हुए डॉ.सुबोध प्रकाश यादव ने अपने पद का दुरूपयोग किया है। नवम्बर 2024 में डॉ. सुबोध ने चीफ फार्मासिस्ट अवनीश कुमार शुक्ला, डॉ. वन्दन सिंह, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी के साथ मिलकर सप्लायरों से साठगांठ कर वित्तीय अनियमिततायें बरती हैं।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में जांच के दौरान सीबीआई ने नियम विरूद्ध तरीके से 1.60 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करने का कुचक्र रचने की पुष्टि की, जिसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी ने जाँच कराई। जाँच में दोषी पाये जाने पर उप मुख्यमंत्री ने डॉ. सुबोध प्रकाश यादव को निलम्बित करने के आदेश दिए। साथ ही विभागीय कार्रवाई की गयी है, आरोपी चीफ फार्मासिस्ट एवं वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी के विरुद्ध भी जल्द ही कार्रवाई की जायेगी।
मेडिकल परीक्षण में पास करने के लिए घूसखोरी
प्रमुख सचिव ने बताया कि मथुरा में उप्र पुलिस आरक्षी भर्ती प्रकिया में गठित मेडिकल पैनल के डॉक्टर सदस्यों पर मेडिकल परीक्षण पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से धन वसूली करने के आरोप लगे थे। प्रथम दृष्टया जांच में जिला चिकित्सालय में तैनात आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. हरि नारायण प्रभाकर व जिला चिकित्सालय एटा में तैनात डॉ. राहुल वाष्णेय को निलम्बित करने के साथ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
डफरिन की प्रमुख अधीक्षिका समेत कई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई
उपमुख्यमंत्री से जनता दर्शन में लोगों ने वीरागना अवन्ती महिला चिकित्सालय (डफरिन) के खिलाफ शिकायतें की थीं। उप मुख्यमंत्री लखनऊ में मण्डलीय अपर निदेशक, से अस्पताल का अचानक निरीक्षण कर जाँच करायी। शुरुआती जाँच में गम्भीर अनियमितताएं एवं उच्चादेशों की अवहेलना के आरोप सही मिले। जिसके बाद प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेनू पंत को आरोप पत्र देकर विभागीय कार्रवाई किये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिये गये हैं।
इसके अलावा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि बदायूँ जिला चिकित्सालय में तैनात डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव पर मुख्य चिकित्साधिकारी, बाँदा के पद पर रहते हुए आशा चयन प्रकिया में अनियमितता बरतने के आरोप लगे थे। मामला विधान सभा के पटल पर उठाया गया था। उप मुख्यमंत्री ने मामले की जाँच कराई, दोष सिद्ध होने पर डॉ. श्रीवास्तव को आरोप पत्र देकर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि हमीरपुर जिला चिकित्सालय में नेत्र सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह को कर्तव्यों एवं दायित्वों के प्रति उदासीनता बरतने के आरोपों का स्पष्टीकरण न देने पर विभागीय कार्रवाई संस्तुति की गयी है। इसके अलावा सीतापुर में फर्श पर प्रसूता व नवजात शिशु के लेटे जाने का वायरल वीडियो को लेकर उप मुख्यमंत्री ने जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि एसीएमओ, कानपुर नगर द्वारा चीफ फार्मासिस्ट एवं वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी के साथ मिलकर आर्थिक लाभ हेतु वित्तीय अनियमितता किए जाने संबंधी प्रकरण में एसीएमओ को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई संस्थित की गई है। तथा चीफ फार्मासिस्ट एवं वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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