बाराबंकी: ऑनलाइन व्यवस्था से अधिवक्ता परेशान, पुरानी प्रणाली बहाल करने की मांग

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Published By Deepak Mishra
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फतेहपुर/बाराबंकी, अमृत विचार। तहसील फतेहपुर के अधिवक्ताओं, स्टाम्प विक्रेताओं, दस्तावेज नवीसों एवं ऑनलाइन ऑपरेटरों ने नई ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए इसे अव्यवहारिक बताया। इस संबंध में अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने उपनिबंधक अवधेश कुमार मिश्रा को एक मांगपत्र सौंपकर पुरानी ऑनलाइन व्यवस्था को पुनः लागू किए जाने की मांग की है।

अब तक क्रेता या विक्रेता, किसी एक पक्ष के मोबाइल नंबर से ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया पूरी हो जाती थी। लेकिन 24 जुलाई से लागू नई प्रणाली के तहत अब दोनों पक्षों क्रेता और विक्रेता के मोबाइल नंबरों से सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। इसके चलते आवेदन बार-बार असफल हो रहे हैं और पंजीयन प्रक्रिया बाधित हो रही है।

स्थानीय अधिवक्ताओं का कहना है कि नई व्यवस्था से काम में अत्यधिक विलंब हो रहा है और आम नागरिकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार ऑनलाइन प्रयास करने के बावजूद आवेदन स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं, जिससे कोर्ट परिसर में कार्यरत अधिवक्ताओं, दस्तावेज लेखकों और ऑपरेटरों में असंतोष बढ़ रहा है।

बार एसोसिएशन के समक्ष यह मामला उठाया गया, जिसमें पुरानी ऑनलाइन प्रणाली को फिर से लागू करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके समर्थन में अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने उपनिबंधक को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान बार अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद वर्मा, महामंत्री रामलाल वर्मा, ओमप्रकाश यादव, राजीव नयन तिवारी, राजेश कुमार द्विवेदी, गणेश शंकर मिश्रा, राजू वर्मा, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, श्रवण कुमार वर्मा व हरीश कुमार मौर्या सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।

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