पीलीभीत: डिलीवरी के लिए जमा की गई रकम को रिश्वत में ले गए प्रधान सचिव

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Published By Monis Khan
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पीलीभीत, अमृत विचार। गर्भवती पत्नी की डिलीवरी के लिए श्रमिक ने जैसे-तैसे तीस हजार रुपये जमा किए। आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास की पात्रता सूची में नाम आने के बाद प्रधान सचिव ने रिश्वत के तौर पर ये रकम ऐंठ ली। मांगने पर आवास योजना से वंचित करने की धमकी दे डाली। पीड़िता ने इसकी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।

मरौरी ब्लॉक के ग्राम रुपपुर सैजना की रहने वाली ममता देवी पत्नी देवेंद्र कुमार ने डीएम से की गई शिकायत में बताया कि वह गरीब व भूमिहीन हैं। पति मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनका कच्चा छप्परपोश घर है, जिसमें परिवार गुजर बसर करता है। ग्राम में प्रधानमंत्री आवास आए हुए हैं। उनका नाम भी पात्रता सूची में दर्ज है। घर को लेकर सर्वे भी हो चुका है। 24 जुलाई को पति मजदूरी करने बाहर गए थे। शाम करीब साढ़े सात बजे पंचायत सचिव, प्रधान का देवर आए अैर कहा कि 30 हजार रुपये दे दो। 

तभी प्रधानमंत्री आवास की रकम पंद्रह दिन के भीतर खाते में आ जाएगी। रुपये देने से मना किया तो धमकाया कि बिना रुपये दिए आवास योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस पर आरोपियों को तीस हजार रुपये दे दिए। पति के घर आने पर उन्हें पूरी बात बताई। जब रुपये वापस मांगे गए तो साफ कह दिया कि बिना रकम के कुछ नहीं मिलेगा। रुपये वापस करने से भी इन्कार कर दिया है। ये भी बताया कि पीड़िता इन दिनों गर्भवती है। उसकी डिलीवरी के लिए पति ने तीस हजार रुपये जमा किए थे, जिसे आवास की खातिर रिश्वत के रुप में दिया गया। रुपये वापस दिलाकर योजना से लाभान्वित कराने की मांग की गई।

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