बरेली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘संकल्प से सिद्धि’ का सफर है केशव कृपा भवन
बरेली,अमृत विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नया केशव कृपा भवन संकल्प से सिद्धि का सफर है। संघ के स्वयंसेवकों ने कई वर्षों से सपना संजोया था कि खुद का अपना कार्यालय हो क्योंकि संघ परिवार में दिनों दिन बढ़ोतरी के कारण पुराने भवन छोटे पड़ रहे थे। प्रांत प्रचारक डा. हरीश रौतेला ने काफी पहले …
बरेली,अमृत विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नया केशव कृपा भवन संकल्प से सिद्धि का सफर है। संघ के स्वयंसेवकों ने कई वर्षों से सपना संजोया था कि खुद का अपना कार्यालय हो क्योंकि संघ परिवार में दिनों दिन बढ़ोतरी के कारण पुराने भवन छोटे पड़ रहे थे। प्रांत प्रचारक डा. हरीश रौतेला ने काफी पहले संघ के नये भवन का खाका तैयार किया था, जो अब पूरा हो चुका है। संघ कार्यालय का लोकार्पण सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय भोसले करेंगे। इसको लेकर संघ के स्वयंसेवकों में उत्साह है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का पांच मंजिला के साज-सज्जा का कार्य तेजी से चल रहा है। अभी तक कूंचा सीताराम स्थित पुराने कार्यालय से संचालित होती थी जो काफी पुराना भवन है और संकरी गली में स्थित है। अब नया भवन सिविल लाइन स्थित रामानुज दयाल सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में संघ नया भवन बना चुका है। यहां पर चिकित्सा सुविधा, ज्ञानर्जन कराने के लिए पुस्तकालय, योग ध्यान, आधुनिक मशीनयुक्त जिम, पूजा पाठ के लिए मंदिर, स्वयं सेवकों और संघ से जुड़े विद्यार्थियों को कमरा और भोजनालय की व्यवस्था की गई है। किसी को कोई दिक्कत न हो आने जाने में इसके लिए लिफ्ट भी है।
चुपके से देता था चंदा, संकल्प की सिद्धि हो गई
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के महानगर संघ चालक सीए केसी गुप्ता लगभग 60 वर्षो से संघ से जुड़े हैं। मात्र 12 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने संघ की यात्रा प्रारंभ कर दी थी। उन्होंने बताया कि संघ मेरे मन में रचा बसा है। एक ऐसा समय था कि हम अपने वेतन से साहित्य के लिए स्वयं सेवकों को आर्थिक मदद भी करते, उस समय चुपके से, किसी को पता न चले। क्योंकि उस समय संघ पर केंद्र सरकार की खास नजर रहती थी। इसके बावजूद हमने गांवों में प्रचार के दौरान ऐसी भी रात गुजारी, जहां पर तकिया की जगह सिर के नीचे ईंटें लगानी पड़ीं। संघ का नया भवन बनने से आज हमारी खुशी दोगुनी हो गई है। भवन बनाने के लिए काफी पहले संकल्प लिया गया था, जिसकी सिद्धि हो गई। इसमें सभी का बड़ा योगदान रहा है।
फ्रांस से एमएबीए करने के संघ में बसा मन
फ्रांस से एमएबीए की पढ़ाई करने वाले अमित शर्मा पेशे से होटल व्यवसायी हैं। पर बात संघ की आती है तो सभी कार्य छोड़कर पूरे मनयोग से सेवा कार्यों में लग जाते है। संघ भवन में बन रहे पुस्कालय का जिम्मा संभाल रहे हैं। इन दिनों संघ के पुस्तकालय के साज सज्जा और किताबों को सहेजने में जुटे हुए हैं। दिल्ली सहित अन्य जगहों से आई किताबों को सही स्थान दे रहे हैं ताकि स्वयं सेवकों को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि अब संघ अब मेरे दिल की धड़कन की तरह हो चुका है। पुस्तकालय को बेहतर रूप देकर स्वयं सेवकों को सहित्य के जरिए ज्ञानर्जन कराना उद्देश्य है। नये भवन की स्थापना से बेहद खुश हैं। संघ के बढ़ते दायरे को लेकर उत्साह के साथ अपनी सेवाएं, कार्यालय पर दायित्व निभा रहे हैं। भागदौड़ की जिंदगी और आधुनिकता के दौर में भी अपने सेवाएं देने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
सरकारी नौकरी छोड़ संघ से जुड़े देवराज
देवराज सिंह का संघ से गहरा रिश्ता है। भारत का प्राचीन इतिहास व आंग्ल भाषा में परास्नातक एवं बी.एड करने के बाद अध्यापक की नौकरी तीन वर्ष करने के बाद त्याग दिया। इसके बाद हमेशा के लिए संघ के लिए पूर्णकालिक हो गए। नौकरी छोड़ ने के बाद 1993 में प्रचारक बने। 1998 में बहेड़ी जिला प्रचारक 2001 से 2003 तक बदायू जिला प्रचारक बाद उत्तर बिहार व झारखंड में विभाग प्रचारक व अरुणाचल में प्रचारक 2010 राष्ट्रदेव जागरण पत्र के सम्पादक बने। 2011 से 2017 तक सह प्रान्त बौद्धिक प्रमुख ब्रज प्रान्त 2017 दिसंबर से प्रान्त बौद्धिक प्रमुख ब्रज का दायित्व निभाग रहे हैं। शहर के कुच्चा सीता राम स्थित संघ के भवन में पुस्तकालय की देखरेख का भी जिम्मा संभले हुए हैं। साहित्य से गहरा लगाव होने के कारण पुस्ताकलय में दुर्लभ किताबों का संग्रह किया है। संघ के नये भवन को लेकर बेहद खुश हैं।
कार्यालय प्रमुख के रूप में जिम्मा संभाल रहे बादाम
कार्यालय प्रमुख का दायित्व संभाल रहे बादाम 1991 से आरएसएस में सक्रिय है। विस्तारक, प्रचारक और विभिन्न आयामों धरातल पर उतारने में अग्रणी भूमिका अदा करने में योगदान देते रहे हैं। श्रीराममंदिर निर्माण आदोंलन को लेकर 1992 में आयोध्या में विस्तार के रूप में कार्य कर चुके हैं। सह प्रचारक, सेवा भारती के तहत कार्य करने के बाद नवाबगंज से कार्यालय प्रमुख के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2005 आगरा कार्यालय प्रमुख के रूप में अपनी सेवा दी। 2006 से 2008 तक पश्चिम क्षेत्र व प्रांत कार्यालय मेरठ में कार्यालय प्रमुख का दायित्व संभाल चुके हैं। 2019 एक बार फिर से बरेली में काम करने अवसर संघ के नये कार्यालय प्रमुख के रूप में करने को मिला है। उन्होंने बताया कि संघ के साथ जोड़ कर सेवा देने से जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। हम 30 वर्षों के दौरान कई उतराव चढ़ा देख चुके हैं।
