कानपुर: लॉयर्स चुनाव में 20 पदों के लिए 73 योद्धा मैदान में, 30 जुलाई को प्रपत्रों की जांच 31 जुलाई को नाम वापसी
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर लॉयर्स एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव की नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई। दो दिन में 20 पदों के लिए 73 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया। पहले दिन जहां 41 नामांकन हुए थे वहीं दूसरे दिन 32 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया।
नामांकन के अंतिम दिन कचहरी कैंपस में 12 बजे से 4 बजे तक नामांकन जुलूसों का रेला लगा रहा। बहुत से प्रत्याशियों ने नामांकन तो कल ही कर दिया था लेकिन आज समर्थकों के साथ जुलूस निकालकर चुनाव में नामांकन के समय से ही अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया।

मुख्य चुनाव अधिकारी राजेश कुमार यादव ने जानकारी दी कि 30 जुलाई को नामांकन प्रपत्रों की जांच होगी और 31 जुलाई को नाम वापस लिए जाएंगे। इस कारण 30 और 31 जुलाई को लॉयर्स एसोसिएशन पुस्तकालय बंद रहेगा।
अब ना कोई वाद चलेगा.....
लॉयर्स चुनाव में नामांकन के अंतिम दिन दोपहर लगभग 2 बजे अध्यक्ष पद के दो प्रत्याशी अनूप कुमार द्विवेदी और दिनेश चंद्र वर्मा का नामांकन जुलूस एक साथ लायर्स एसोसिएशन पहुंचा। दोनों ही प्रत्याशियों के समर्थक हाथ में प्रचार तख्ती लिए पूरे जोश के साथ जबरदस्त नारेबाजी करते नजर आए।

दिनेश चंद्र वर्मा समर्थकों ने पूरे जोश के साथ नारा लगाया अब ना कोई वाद चलेगा, केवल आशीर्वाद चलेगा। समर्थकों का यह नारा इस बार के लॉयर्स चुनाव में बदलते समीकरण को भी इंगित कर रहा था, लंबे समय तक कचहरी की राजनीति को प्रभावित करने वाले जातीय गणित इस बार जबरदस्त चुनौती का सामना करते नजर आ सकते हैं।
अध्यक्ष पद पर नामांकन करने वाले 6 में से तीन प्रत्याशी ब्राह्मण हैं, इसी प्रकार महामंत्री पद पर नामांकन करने वाले आठ में से चार प्रत्याशी ब्राह्मण हैं। कचहरी की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले तमाम लोगों का दावा है वोटों के बिखराव के चलते इस बार अप्रत्याशित परिणाम भी आ सकते हैं। दोनों पदों पर बहुकोणीय मुकाबले की स्थिति में अंतिम समय में दक्षिण का आशीर्वाद निर्णायक भी हो सकता है।

चुनाव तो हो रहा है पर वह बात नहीं....
कानपुर में बार के चुनाव हों या लॉयर्स के चुनाव, माहौल बिल्कुल महोत्सव का रहता है। लेकिन पिछले दिनों जब काले कोट के उजले दामन पर कुछ बदरंग छींटे पड़े तो शायद इसका असर इस बार के चुनाव में भी नजर आया! चुनाव प्रचार कचहरी कैंपस के आसपास ही सिमटा नजर आ रहा है। शहर में अपवाद स्वरूप ही कहीं-कहीं कुछ होर्डिंग, कट आउट नजर आ रहे हैं। अधिवक्ताओं के बीच चर्चा आम है कि शायद इस बार के चुनाव में दिल खोलकर प्रत्याशियों को प्रायोजित करने वाले भामाशाहों का अकाल पड़ गया है।
प्रत्याशियों की संख्या
अध्यक्ष - 6
महामंत्री - 8
वरिष्ठ उपाध्यक्ष- 5
कनिष्ठ उपाध्यक्ष- 6 कोषाध्यक्ष -4
संयुक्त मंत्री (प्रशासन)- 9 संयुक्त मंत्री (पुस्तकालय)- 5 संयुक्त मंत्री (प्रशासन)- 3 वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य 10 कनिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य 17
