HC का सख्त संदेश : बार-बार की चूक पर नहीं मिलेगी राहत...जानिए क्या है मामला

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

14 बार मोहलत के बाद भी भुगतान न करने पर आवंटन रद्द, याचिका खारिज

प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औद्योगिक भूखंडों के आवंटन से संबंधित एक मामले में महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा है कि रिट क्षेत्राधिकार के तहत राहत उन पक्षों को नहीं दी जा सकती है, जो लगातार अपने दायित्वों को निभाने में असफल रहते हैं।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दीर्घकालिक चूक करने वाले आवंटियों के पट्टे बहाल करना भविष्य में नकारात्मक मिसाल को कायम कर सकता है। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने श्रीमती सविता शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए की। याचिका में यूपीएसआईडीए द्वारा वाराणसी में औद्योगिक भूमि आवंटन रद्द किए जाने को चुनौती दी गई थी।

याची को औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए भूमि दी गई थी, लेकिन उन्होंने लगभग 19.83 लाख रुपए की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया। कई बार समय बढ़ाने और कोर्ट से मोहलत मिलने के बावजूद भुगतान नहीं हुआ। याची द्वारा बकाया राशि चुकाने में लगातार 14 बार की विफलता के कारण आवंटन रद्द कर दिया गया।

कोर्ट ने कहा कि बार-बार चूक करने वालों को राहत देना न केवल राजकोषीय, प्रशासनिक और सार्वजनिक नीति के खिलाफ है, बल्कि इससे अन्य योग्य आवेदकों को नुकसान भी होता है और औद्योगिक विकास प्रभावित होता है। कोर्ट ने माना कि यूपीएसआईडीए ने आवंटन रद्द करते समय समता और जवाबदेही का संतुलन बनाए रखा। अंत में कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि पट्टा विलेख का अनुपालन करने में लगातार विफल लोगों को न्यायिक रियायत नहीं दी जा सकती है।

यह भी पढ़ें:- प्रयागराज : तीसरी बार एचसीबीए अध्यक्ष बने राकेश पाण्डेय 'बबुआ'

संबंधित समाचार