गंगा-यमुना का उफान : बाढ़ का पानी कछारी इलाकों में घुसा, हजारों प्रभावित
प्रयागराज, अमृत विचार : संगम नगरी प्रयागराज में एक बार फिर से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे बाढ़ का खतरा अब मंडराने लगा है। बाढ़ का पानी शहरी क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक कछारी क्षेत्र के मोहल्लों और ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोग प्रभावित हो गये है। वह लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर अब जाने लगे हैं।
गंगा नदी का जल स्तर लगभग दो सेंटीमीटर प्रति घंटा और यमुना नदी का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 56 सेंटीमीटर और छतनाग में 77 सेंटीमीटर बढ़ा है जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 97 सेंटीमीटर 24 घंटे में बढ़ा है। फाफामऊ में सुबह 8:00 बजे गंगा का जलस्तर 81.76 मीटर और छतनाग में 81.39 मीटर और यमुना का नैनी में सुबह 8:00 बजे यमुना नदी का जलस्तर 82.00 मीटर दर्ज किया गया है। हालांकि दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से लगभग 3 मीटर नीचे बह रही हैं।
दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से : मंगलवार को तीसरी बार बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इसके बाद बड़े हनुमान मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। जलस्तर बढ़ने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है।बाढ़ के खतरे को देखते हुए दुकानदार, घाटिए और तीर्थ पुरोहित सुरक्षित स्थानों की ओर जा चुके हैं। गंगा और यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर की सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से 24 घंटे मॉनीटरिंग की जा रही है। संगम क्षेत्र में जल पुलिस और एसडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। जिले में बनाई गई 88 बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट किया गया है। संगम में गंगा और यमुना नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है।
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