लोहिया संस्थान में डायलिसिस के दौरान फटी मरीज के दिमाग की नस, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डायलिसिस के दौरान मरीज के दिमाग की नस फट जाने से मौत हो गई। मरीज किडनी ट्रांसप्लांट के लिए भर्ती हुआ था। परिजनों ने डायलिसिस के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है। संस्थान प्रशासन ने जांच की बात कही है।

इंदिरा नगर सेक्टर 11 निवासी सिद्धार्थ राय (36) की किडनी खराब थी। दो वर्षों से डालीगंज के केके अस्पताल में डायलिसिस की जा रही थी। भाई राहुल ने बताया डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट के लिए 23 जुलाई की तारीख दी थी। इसके लिए 20 जुलाई को सिद्धार्थ को लोहिया संस्थान के यूरोलाॅजी वार्ड के केटीयू डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया। आरोप है डायलिसिस शुरू होते ही सिद्धार्थ का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगा, लेकिन डॉक्टर ने डायलिसिस जारी रखा।

बीपी बढ़ने की वजह से मरीज के दिमाग की नस फट गई और वह कोमा में चला गया। इसके बाद भी मरीज को न्यूरो वार्ड में शिफ्ट नहीं किया, उसे यूरोलॉजी वार्ड में ही रखे रहे। लापरवाही के चलते मरीज की जान चली गई। लोहिया संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.विक्रम सिंह ने कहा कि मरीज के इलाज से संबंधित सभी दस्तावेज जांचें जाएंगे। अगर किसी भी डॉक्टर, कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो सख्त से सख्त कार्रवाई करके उन्हें दंडित किया जाएगा।

मृत्यु प्रमाणपत्र में भी समय में अंतर

भाई राहुल के मुताबिक मरीज की मौत के समय बहन मौके पर थी। उसे मौत की जानकारी 9:20 बजे दी गई। इसके बाद डॉक्टरों ने उपकरण उनके शरीर से अलग कर दिए थे। किंतु मृत्यु प्रमाणपत्र में मृत्यु का समय सुबह 9:50 लिखा गया है।राहुल ने इसकी शिकायत उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से करने की बात कही है।

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