हज यात्रा निरस्त करने पर विरोध, इमरजेंसी में अचानक यात्रा रद्द करने पर पूरा किराया जब्त कर लेगी हज कमेटी

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी हज-2026 की रद्दीकरण नीति को लोकतंत्र में नादिरशाही फरमान करार दिया है। उन्होंने इस आदेश को करोड़ों गरीब मुसलमानों की भावनाओं पर सीधा हमला बताया है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा हजयात्री पसमांदा मुस्लिम समाज के होते हैं, जो मेहनत-मजदूरी कर, एक-एक रुपये जोड़कर सालों में इस पवित्र यात्रा का सपना संजोते हैं। ऐसे में रद्दीकरण पर एक लाख रुपये तक की कटौती और अंतिम समय पर पूरा पैसा जब्त कर लेने की नीति अमानवीय और क्रूर निर्णय है।

हज कमेटी ऑफ़ इंडिया के फैसले पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि रद्दीकरण करने पर 23 सौ रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की कटौती आखिर किस आधार पर की जाएगी। क्या हज कमेटी अब गरीबों की मज़बूरी पर टैक्स लगा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और हज कमेटी से उन्होंने मांग की है कि इस नीति को तत्काल वापस लिया जाए और गरीब यात्रियों के लिए मानवीय और व्यावहारिक व्यवस्था लागू की जाए। अगर किसी कारणवश यात्रा नहीं हो पाती, तो केवल वास्तविक खर्च काटकर शेष राशि ईमानदारी से वापस लौटाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो देशभर में पसमांदा समाज इसके विरोध में आन्दोलन करेगा।

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